क्या भाजपा के 'संविधान हत्या दिवस' पर खड़गे का पलटवार महत्वपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- मल्लिकार्जुन खड़गे का भाजपा पर तीखा पलटवार
- केंद्र सरकार पर नाकामियों को छुपाने का आरोप
- संविधान बचाओ आंदोलन का महत्व
- देश में अघोषित आपातकाल का जिक्र
- राजनीतिक संवाद में संविधान की रक्षा की आवश्यकता
नई दिल्ली, 25 जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा के 'संविधान हत्या दिवस' आयोजनों पर बुधवार को जोरदार पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए रोज नए कार्यक्रम और नारे पेश कर रही है। राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि उनकी पार्टी पिछले एक साल से 'संविधान बचाओ आंदोलन' चला रही है, जिससे भाजपा घबरा गई है। इसलिए, आज वे लोग फिर से इमरजेंसी की बात कर रहे हैं।
देश में आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर बुधवार को भाजपा इसे 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मना रही है। इस पर खड़गे ने कहा, "जिनका देश की आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं रहा, जिनका संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं रहा, वे कांग्रेस पार्टी को संविधान के ऊपर नसीहत दे रहे हैं।"
केंद्र सरकार को घेरते हुए खड़गे ने कहा कि यह विफल विदेश नीति, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक बदहाली जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस समय देश में अघोषित आपातकाल है। यह सरकार न संविधान की इज्जत करती है, न संसद की।
खड़गे ने यह भी कहा कि जिस सरकार में लोगों को बोलने की आजादी नहीं है, उससे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। सिर्फ भाषण से पेट नहीं भरता, देश के लोगों का पेट राशन से भरता है।
उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार गरीब को और गरीब, अमीर को और अमीर बना रही है। देश में गरीब और अमीर के बीच की खाई बढ़ती जा रही है, जिसे वह मिटा नहीं पा रही है। खड़गे ने कहा कि बीजेपी सरकार में चुनिंदा उद्योगपतियों को ही सब सौंपा जा रहा है। प्रधानमंत्री अपने दोस्तों को देश का सारा धन सौंप रहे हैं। यह एक तरह से अघोषित आपातकाल है।"