क्या किसान सम्मान निधि की अगली किस्त २ अगस्त को जारी होगी?

सारांश
Key Takeaways
- २ अगस्त को किसान सम्मान निधि की अगली किस्त जारी होगी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
- किसानों को अपने नजदीकी कार्यक्रम से जुड़ने की सलाह दी गई है।
- किसान इस योजना का लाभ सीधे अपने बैंक खातों में प्राप्त करेंगे।
- कार्यक्रम को एक राष्ट्रव्यापी अभियान के रूप में आयोजित किया जाएगा।
नई दिल्ली, ३० जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की अगली किस्त २ अगस्त को जारी की जाएगी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि २ अगस्त को वाराणसी में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान सम्मान निधि की राशि जारी करेंगे।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बयान में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २ अगस्त को ठीक ११ बजे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि किसानों के खाते में डालने वाले हैं। इस अवसर पर वह किसानों से जुड़कर बात भी करेंगे। इसलिए किसानों से प्रार्थना है कि २ अगस्त को ठीक ११ बजे आप प्रधानमंत्री के किसी न किसी कार्यक्रम से जरूर जुड़िए।"
उन्होंने बताया कि सभी कृषि विज्ञान केंद्र, आईसीआर के संस्थान, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज, मंडियां और पैक्स के मुख्यालयों में कार्यक्रम आयोजित होंगे। शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि आप अपने निकटतम कार्यक्रम में जरूर जुड़ें और प्रधानमंत्री को सुनें।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि इसका (योजना) लाभ अधिकतम किसानों तक पहुंचे। बैठक में देशभर के ७३१ कृषि विज्ञान केंद्रों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, और कृषि विश्वविद्यालयों के निदेशक, कुलपति और प्रमुख वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ग्राम स्तर पर किसानों को इस कार्यक्रम से जोड़ने के निर्देश दिए और इस कार्यक्रम को एक राष्ट्रव्यापी अभियान के रूप में आयोजित करने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कृषक सखी, ड्रोन दीदी, बैंक सखी, पशु सखी, बीमा सखी और ग्राम पंचायत सरपंच जैसे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के माध्यम से कार्यक्रम की जानकारी व्यापक रूप से पहुंचाई जाए। इसके साथ ही खरीफ फसलों पर किसानों से बातचीत कर उनके जुड़ाव को और भी मजबूत किया जाए।