क्या मध्य प्रदेश में किसानों की समस्याओं पर सियासत गरमाई है? कांग्रेस का 6 नवंबर को सीधी में धरना प्रदर्शन
सारांश
Key Takeaways
- किसानों की समस्याओं पर सियासत गरमाई है।
- कांग्रेस ने 6 नवंबर को धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है।
- किसानों की फसलें प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुई हैं।
- सरकार की लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है।
- जलवायु परिवर्तन के कारण बेमौसम बारिश बढ़ रही है।
भोपाल, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में किसानों की कठिनाइयों और प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए 6 नवंबर को सीधी जिले में एक विशाल धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है।
किसानों की मांगों को लेकर होने वाले इस प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन में हजारों किसान और कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल होंगे। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य कमलेश्वर पटेल ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता से किसान परेशान हैं और यह धरना उनकी आवाज बनेगा।
कमलेश्वर पटेल के मुताबिक, पिछले दो सप्ताह में प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं ने किसानों की फसलें तबाह कर दी हैं। विशेष रूप से सीधी, सिंगरौली, रीवा, शहडोल, मऊगंज, मैहर और सतना जिलों में धान, सोयाबीन और अन्य फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं।
पटेल ने कहा, "किसान कर्ज के बोझ तले दबे हैं। बाढ़ और अतिवृष्टि ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया, लेकिन प्रदेश सरकार अब तक मुआवजे का कोई ठोस फैसला या आदेश जारी नहीं कर पाई है। न तो सर्वे पूरा हुआ है, न राहत पैकेज की घोषणा। किसान विरोधी यह रवैया असहनीय है।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने जल्द किसानों को उचित मुआवजा, बीमा राशि और कर्ज माफी नहीं दी तो प्रदर्शन और तेज होंगे। कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीधी में प्रस्तावित धरना सुबह 10 बजे से शुरू होगा, जो जिला मुख्यालय पर आयोजित किया जाएगा। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश्वर पटेल सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं। कांग्रेसी कार्यकर्ता ट्रैक्टर रैली और नारेबाजी के जरिए सरकार को घेरेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से बेमौसम बारिश बढ़ रही है, जिससे किसानों को दीर्घकालिक नीतियों की जरूरत है। सरकार को अब किसानों के हित में तत्काल कदम उठाने चाहिए, वरना सियासी तनाव और बढ़ेगा।