क्या कोटद्वार में जीएमओयू में ढाई करोड़ का घोटाला हुआ है?

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क्या कोटद्वार में जीएमओयू में ढाई करोड़ का घोटाला हुआ है?

सारांश

कोटद्वार में जीएमओयू में ढाई करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें 9 पूर्व पदाधिकारी शामिल हैं। पौड़ी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह मामला गंभीर वित्तीय गबन का प्रतीक है और जांच जारी है।

Key Takeaways

  • 2.5 करोड़ रुपए का संगठित वित्तीय घोटाला।
  • 9 पूर्व पदाधिकारी गिरफ्तार।
  • पुलिस जांच में फर्जी बिलों का उपयोग।
  • मृत कर्मचारियों के नाम पर वेतन जारी।
  • जांच जारी है, अन्य संलिप्त लोगों की पहचान की जा रही है।

कोटद्वार, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। गढ़वाल मोटर्स ओनर्स यूनियन लिमिटेड (जीएमओयू), कोटद्वार में लगभग 2.5 करोड़ रुपए का एक सुनियोजित वित्तीय घोटाला प्रकाश में आया है। पौड़ी पुलिस ने इस मामले में संस्थान के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व जनरल मैनेजर, कैशियर, लेखा व पेट्रोल सेक्शन से जुड़े कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस जांच में यह पता चला है कि वर्ष 2023-24 के दौरान आरोपियों ने फर्जी बिल, वाउचर और मृत कर्मचारियों के नाम पर वेतन जारी कर संस्थान को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया। इस मामले में केस दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।

5 मार्च 2025 को वर्तमान मैनेजर विजय पाल सिंह ने कोटद्वार कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पूर्व पदाधिकारियों पर बड़े पैमाने पर वित्तीय गबन के आरोप लगाए गए थे। शिकायत पर मु.अ.सं. 70/2025, धारा 420 और 406 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई।

एसएसपी लोकेश्वर सिंह के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह और सीओ निहारिका सेमवाल के पर्यवेक्षण में एक विशेष जांच टीम गठित की गई। प्रभारी निरीक्षक रमेश तनवर के नेतृत्व में इस टीम ने गहन पड़ताल की।

जांच में पाया गया कि पेट्रोल पंप, बिल्डिंग रिपेयर, कंप्यूटर मेंटेनेंस, बिजली-पानी, पूजा-दान जैसे मदों में फर्जी बिल तैयार कर 2.48 करोड़ रुपए से अधिक की राशि गबन की गई। इसके अलावा मृत कर्मचारियों को जीवित दिखाकर उनके नाम पर वेतन भी निकाला गया। भुगतान के लिए फर्जी हस्ताक्षर किए गए।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पूर्व अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल, पूर्व जनरल मैनेजर ऊषा सजवान, पूर्व कैशियर अश्वनी रावत, सहायक लेखाधिकारी मंजीत सैनी, चेकिंग सेक्शन बाबू अशोक कुमार, सहायक कैशियर मुकेश कुमार, कार्यवाहक कैशियर राजेश चंद्र बुडाकोटी, पेट्रोल सेक्शन क्लर्क वीरेंद्र खंतवाल और बिल लिपिक राकेश मोहन त्यागी शामिल हैं। इन सभी को बुधवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने कहा, "यह एक सुनियोजित और विस्तृत आर्थिक अपराध था। सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच आगे भी जारी है और अन्य संलिप्त लोगों की पहचान की जा रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।"

Point of View

NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

इस घोटाले में कितने लोग शामिल हैं?
इस घोटाले में कुल 9 लोग शामिल हैं, जिनमें पूर्व पदाधिकारी और अन्य कर्मचारी शामिल हैं।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?
पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है।
यह घोटाला कैसे हुआ?
आरोपियों ने फर्जी बिल और मृत कर्मचारियों के नाम पर वेतन जारी कर घोटाला किया।
क्या और लोग इस मामले में शामिल हैं?
जांच जारी है और अन्य संलिप्त लोगों की पहचान की जा रही है।
क्या आरोपियों को सजा मिलेगी?
जांच के परिणाम के आधार पर आरोपियों को सजा दिलाई जाएगी।