क्या 'आत्मनिर्भर भारत' सिर्फ एक सरकारी योजना है या एक राष्ट्रीय आंदोलन? : प्रभुलाल सैनी

सारांश
Key Takeaways
- आत्मनिर्भर भारत एक राष्ट्रीय आंदोलन है।
- हर भारतीय की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
- स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है।
- घरेलू उद्योगों को मजबूती मिलती है।
- भाजपा उपचुनावों के लिए तैयार है।
बूंदी, 7 अक्तूबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ को केवल एक सरकारी योजना समझने के बजाय एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि आज यह एक राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है, जिसमें हर भारतीय अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रहा है।
सैनी ने मंगलवार को शहर के भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि वर्ष 2020 में कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना और वर्ष 2047 तक भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आज भारत ने चिकित्सा, रक्षा और कृषि जैसे सभी क्षेत्रों में वैश्विक पहचान बनाई है। सैनी ने बताया कि 2020 के बाद से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है और विदेशी वस्तुओं का बॉयकॉट किया जा रहा है।
पूर्व मंत्री ने इस अभियान के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह न केवल स्थानीय उत्पादों और व्यवसायों को बढ़ावा देने का अभियान है, बल्कि यह नागरिकों से स्थानीय स्तर पर तैयार वस्तुओं को प्राथमिकता देने का आग्रह करता है, जिससे घरेलू उद्योग को मजबूती मिलती है।
राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के बारे में भाजपा नेता ने कहा कि यह सीट भाजपा की है और इसे जीतना हमारा लक्ष्य है। इस दिशा में पार्टी ने सभी समीकरणों पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व जिसे उम्मीदवार बनाकर भेजेगा, हम उसे पूरी ईमानदारी से चुनाव लड़ाएंगे और विधानसभा में पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
इस प्रेस वार्ता में उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष रामेश्वर मीणा, शहर अध्यक्ष राजकुमार श्रृंगी, अमित शर्मा, मोहन कराड़ और अन्य भाजपा कार्यकर्ता तथा पदाधिकारी उपस्थित थे।