क्या कांग्रेस नेता दिल्ली विश्वविद्यालय का माहौल दूषित कर रहे हैं? - एबीवीपी

सारांश
Key Takeaways
- डूसू चुनाव में बढ़ती हिंसा पर एबीवीपी ने चिंता जताई है।
- कांग्रेस नेता बाहरी तत्वों के साथ कैंपस में आ रहे हैं।
- छात्रों में असुरक्षा का माहौल बढ़ रहा है।
- दिल्ली पुलिस को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
- छात्र राजनीति को सुरक्षित बनाना जरूरी है।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ (डूसू) चुनाव के दौरान परिसर में हिंसक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। एबीवीपी ने कांग्रेस से जुड़े नेताओं और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया कि वे विश्वविद्यालय का माहौल बिगाड़ रहे हैं और इससे छात्रों में डर फैल रहा है।
एबीवीपी का कहना है कि कांग्रेस नेता बाहरी लोगों के समूह के साथ कैंपस में आ रहे हैं, जो छात्रसंघ या छात्रों की समस्याओं से जुड़े नहीं हैं। इस स्थिति के कारण कई छात्राएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। एबीवीपी ने बताया कि सोमवार को कांग्रेस नेता सचिन पायलट नॉर्थ कैंपस में थे, उनके साथ बड़ी संख्या में बाहरी लोग भी मौजूद थे, जिससे छात्रों में डर का माहौल बना।
एबीवीपी दिल्ली के प्रांत मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि कांग्रेस और एनएसयूआई की ओर से बाहरी तत्वों को लाकर हिंसा और अराजकता फैलाना निंदनीय है। डीयू का कैंपस अध्ययन और सकारात्मक छात्र राजनीति के लिए जाना जाता है, लेकिन कांग्रेस नेताओं की दखलंदाजी ने इसे असुरक्षित बना दिया है। सार्थक ने हाल ही में एनएसयूआई के पूर्व संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी से मारपीट का वीडियो भी साझा किया, जो कैंपस में हिंसक राजनीति का स्पष्ट उदाहरण है।
उन्हें यह भी चिंता है कि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी झगड़े हो रहे हैं, जिससे छात्रों में भय और असुरक्षा का वातावरण बनता जा रहा है।
एबीवीपी ने कहा कि मंगलवार को कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिण कैंपस में एनएसयूआई समर्थित उम्मीदवार का प्रचार किया। एबीवीपी ने इस हस्तक्षेप की कड़ी निंदा की है और दिल्ली पुलिस से बाहर के लोगों की एंट्री पर सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि विश्वविद्यालय का माहौल सुरक्षित और छात्रों के हित में बना रहे।