क्या जीएसटी सुधार भारत के जलवायु लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में कटौती से रिन्यूएबल एनर्जी की लागत कम होगी।
- सौर और पवन ऊर्जा के उपकरणों पर जीएसटी ५ प्रतिशत होगा।
- बायोडिग्रेडेबल उत्पादों को प्रोत्साहन मिलेगा।
- सीईटीपी पर जीएसटी की दर को घटाकर ५ प्रतिशत किया गया है।
- यह सुधार सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा देगा।
नई दिल्ली, १६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि जीएसटी सुधार रिन्यूएबल एनर्जी, वेस्ट मैनेजमेंट, बायोडिग्रेडेबल उत्पादों और ग्रीन मोबिलिटी को अधिक सुलभ और किफायती बनाकर भारत के जलवायु लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। लागत में कटौती, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने और सस्टेनेबल इंडस्ट्रीज़ को समर्थन देकर ये नए बदलाव प्रदूषण नियंत्रण समाधानों को अपनाने में तेजी लाएंगे।
सौर एवं पवन उपकरणों पर जीएसटी की दर को १२ प्रतिशत से घटाकर ५ प्रतिशत कर दिया गया है। इनमें सौर कुकर, बायोगैस प्लांट, सौर ऊर्जा आधारित उपकरण, पवन टर्बाइन, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट और फोटो वोल्टेइक सेल शामिल हैं।
केंद्र का कहना है कि जीएसटी दर में कमी से सौर पैनलों, पी.वी. सेल, पवन टर्बाइन और संबंधित उपकरणों की पूंजीगत लागत में सीधा लाभ होगा। इसके परिणामस्वरूप सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं की व्यवहार्यता में सुधार होगा, जिससे अंतिम उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ कम होगा।
जीएसटी में कटौती से पीएलआई योजनाओं के तहत भारत के सौर सेल और मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को समर्थन मिलेगा, जिससे ये घरेलू उत्पाद आयात के मुकाबले अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे। इससे सौर पंप अधिक किफायती हो जाएंगे, सिंचाई लागत कम होगी और किसानों को मदद मिलेगी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता ४२ गुना से अधिक बढ़ गई है, जो २०१४ में २.८२ गीगावाट से ३१ जुलाई, २०२५ तक ११९.५४ गीगावाट हो गई है।
भारत ने आर्थिक विकास को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से अलग करने की प्रक्रिया को जारी रखा है। २००५ और २०२० के बीच भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की उत्सर्जन तीव्रता में ३६ प्रतिशत की कमी आई है।
इसी तरह, अपशिष्ट प्रबंधन के तहत अपशिष्ट उपचार (सीईटीपी) पर जीएसटी की दर को १२ प्रतिशत से घटाकर ५ प्रतिशत कर दिया गया है। अब कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर जीएसटी की दर ५ प्रतिशत है।
सरकार का कहना है कि सीईटीपी पर करों में कटौती से उद्योगों को केंद्रीकृत अपशिष्ट उपचार विधियों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे एक प्रदूषण मुक्त वातावरण बनेगा और औद्योगिक क्षेत्रों में सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा। इससे नगर निगमों को अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्वच्छ ऊर्जा समाधान लागू करने में मदद मिलेगी। जीएसटी कटौती से अपशिष्ट पृथक्करण, संयंत्र संचालन और रखरखाव जैसे क्षेत्रों में हरित रोजगार सृजित होंगे।
बायोडिग्रेडेबल बैग पर भी जीएसटी की दर को ५ प्रतिशत कर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, ये बैग अधिक किफायती हो जाएंगे, जिससे उपभोक्ताओं और खुदरा विक्रेताओं को एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक से दूर जाने के लिए प्रेरणा मिलेगी, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।