क्या लालू के चारा घोटाले के पैसे से बिहार का विकास संभव था? : गिरिराज सिंह

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देने के लिए गिरिराज सिंह ने चारा घोटाले का हवाला दिया।
- प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में बिहार में विकास योजनाओं का उद्घाटन होता है।
- चारा घोटाले से जो धनराशि समाप्त हुई, उससे विकास की संभावनाएँ थीं।
- बिहार की सियासत में भ्रष्टाचार के आरोप प्रमुख हैं।
- केंद्रीय मंत्री ने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम पर भी टिप्पणी की।
बेगूसराय, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। प्रधानमंत्री मोदी के आगामी पूर्णिया दौरे को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हमला बोला। उन्होंने कहा कि तेजस्वी को अपने पिता लालू यादव से कुछ सीखना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने कहा था कि प्रधानमंत्री की रैली से बिहार जैसे गरीब राज्य पर 100 करोड़ रुपये का भारी वित्तीय बोझ पड़ता है। इस राशि से बिहार के स्कूलों में चारदीवारी, खेल के मैदान और लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाए जा सकते थे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीएम की कई रैलियों से राज्य पर अनावश्यक बोझ डाला जा रहा है।
इसी पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार करते हुए कहा, "तेजस्वी यादव को अपने पिता से कुछ सीखना चाहिए या फिर उनके पिता को कुछ ज्ञान देना चाहिए। चारा घोटाले में जो धनराशि गंवाई गई, उससे आज बिहार में बड़ा विकास संभव हो सकता था।"
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 11 साल के कार्यकाल में देश विकास की ओर अग्रसर है। विदेशों में भी भारत का पताका लहरा रहा है। जब भी प्रधानमंत्री बिहार आते हैं, वो हजारों करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन करते हैं, जिससे राज्य के विकास को गति मिलती है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और लालू यादव के शासन को भ्रष्टाचार ने घेर रखा था, और उनका काम सिर्फ अपने और अपने परिवार का विकास करना था।
केंद्रीय मंत्री ने भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान पर जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने अपनी जीत को पहलगाम आतंकवादी हमले में जान गंवाने वालों को समर्पित किया, जो सिर्फ एक भारतीय ही कर सकता है। इस हार के बाद पाकिस्तान को तो डूबकर मर जाना चाहिए।