क्या पाकिस्तान सिख श्रद्धालुओं की यात्रा के दौरान ‘भारत विरोधी नैरेटिव’ फैलाने की योजना बना रहा है?

Click to start listening
क्या पाकिस्तान सिख श्रद्धालुओं की यात्रा के दौरान ‘भारत विरोधी नैरेटिव’ फैलाने की योजना बना रहा है?

सारांश

क्या पाकिस्तान सिख श्रद्धालुओं की यात्रा के दौरान ‘भारत विरोधी नैरेटिव’ फैलाने की योजना बना रहा है? जानिए इस रिपोर्ट में क्या है सच्चाई और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों की योजनाएं
  • ईटीपीबी का राजनीतिकरण पर चेतावनी
  • धार्मिक आयोजनों की पवित्रता
  • नकली नैरेटिव का फैलाव
  • सिख समुदाय के धार्मिक अधिकार

इस्लामाबाद, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस) | पाकिस्तान की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां भारतीय सिख श्रद्धालुओं की आगामी पाकिस्तान यात्रा के दौरान रणनीतिक रूप से ‘भारत विरोधी नैरेटिव’ को आगे बढ़ाने की योजना बना रही हैं। यह एक रिपोर्ट में दावा किया गया है।

‘खालसा वॉक्स’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया चर्चाओं में यह जानकारी आई कि 2 अगस्त को लाहौर के होटल गुलबर्ग में एक अंतर-एजेंसी बैठक हुई, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों, इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (पीएसजीपीसी) के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में सुरक्षा एजेंसियों ने गुरुद्वारों में भारत-विरोधी बैनर और नारे लगाने का सुझाव दिया था, लेकिन ईटीपीबी और पीएसजीपीसी ने इसका कड़ा विरोध किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ईटीपीबी के एक अतिरिक्त सचिव ने चेतावनी दी कि यदि धार्मिक यात्राओं का राजनीकरण हुआ तो भारत ऐसे दौरे अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर सकता है, जिससे पहले से वित्तीय संकट झेल रहे बोर्ड को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। बताया गया है कि 8 मई से करतारपुर कॉरिडोर बंद होने के कारण ईटीपीबी को हर महीने लगभग 7 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, दो बड़े वार्षिक सिख तीर्थ यात्राओं के रद्द होने से स्थिति और बिगड़ गई है।

एक अधिकारी ने कहा कि धार्मिक आयोजनों को पूरी तरह राजनीति से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं का कार्यक्रम पहले से ही कई सरकारी और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय में तैयार किया जाता है। हालांकि ईटीपीबी ने कहा कि वह संघीय निर्देशों का पालन करेगा, लेकिन धार्मिक आयोजनों की पवित्रता बनाए रखना उतना ही आवश्यक है।

इसके बावजूद, रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों ने श्रद्धालुओं के ठहरने के स्थानों के आसपास सेमिनार और बातचीत आयोजित कर ‘नकली नैरेटिव’ फैलाने की योजना बनाई है। इनमें "भारत में सिखों के साथ भेदभाव, भारत में गुरुद्वारों को निशाना बनाए जाने" जैसी बातें शामिल हैं।

रिपोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि पाकिस्तान ऐतिहासिक शिकायतों, आर्थिक उपेक्षा की कथित धारणाओं और दुष्प्रचार का इस्तेमाल कर सिख प्रवासी समुदाय के एक हिस्से को प्रभावित करने की कोशिश कर सकता है। विश्लेषकों के अनुसार, धार्मिक यात्राओं को राजनीतिक एजेंडे से जोड़ना पाकिस्तान की एक सोची-समझी रणनीति है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि धार्मिक यात्रा को राजनीतिक रंग से दूर रखा जाए। हमें अपने सांस्कृतिक मूल्यों और धार्मिक आस्थाओं की रक्षा करनी चाहिए। पाकिस्तान का यह प्रयास केवल एक रणनीति है, जो सिख समुदाय की धार्मिक आस्था को प्रभावित कर सकता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या पाकिस्तान वाकई में ‘भारत विरोधी नैरेटिव’ फैलाने की कोशिश कर रहा है?
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस तरह की योजनाएँ बनाई जा रही हैं, लेकिन यह राजनीतिकरण का गंभीर परिणाम हो सकता है।
ईटीपीबी का क्या कहना है?
ईटीपीबी ने चेतावनी दी है कि धार्मिक यात्राओं का राजनीतिकरण होने पर भारत ऐसी यात्राओं को निलंबित कर सकता है।