क्या शकूरबस्ती का नाम 'श्री रामपुरम' रखा जाएगा? भाजपा विधायक के समर्थन में स्थानीय लोग

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क्या शकूरबस्ती का नाम 'श्री रामपुरम' रखा जाएगा? भाजपा विधायक के समर्थन में स्थानीय लोग

सारांश

क्या शकूरबस्ती का नाम 'श्री रामपुरम' रखा जाएगा? स्थानीय निवासियों और विधायक करनैल सिंह की पहल पर चल रही यह चर्चा सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। जानें पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • शकूरबस्ती का नाम 'श्री रामपुरम' करने का प्रस्ताव विधायक करनैल सिंह ने पेश किया है।
  • स्थानीय निवासियों का समर्थन इस पहल के लिए महत्वपूर्ण है।
  • नाम परिवर्तन सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक कदम है।
  • दूसरे क्षेत्रों के नाम बदलने की मांगें भी सामने आई हैं।
  • यह परिवर्तन क्षेत्र की पहचान और आत्मगौरव का प्रतीक बन सकता है।

नई दिल्ली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में भाजपा सरकार के गठन के बाद से कई स्थानों के नाम बदलने की मांग तेजी से उठ रही है। इसी संदर्भ में शकूरबस्ती विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलने की मांग उठी है। यहां के विधायक करनैल सिंह ने स्वयं अपने क्षेत्र का नाम 'श्री रामपुरम' करने का प्रस्ताव दिया है। वर्तमान में विधायक को स्थानीय जनता का समर्थन प्राप्त हो रहा है।

करनैल सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र में आरडब्ल्यूए से समर्थन जुटाने के लिए अभियान चला रहे हैं। शकूरबस्ती के निवासियों ने विधायक करनैल सिंह की इस पहल का खुले दिल से समर्थन किया है। क्षेत्रवासियों ने एक पत्र के माध्यम से विधायक को धन्यवाद देते हुए इस नाम परिवर्तन को सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

उन्होंने लिखा, "आपके विधानसभा क्षेत्र शकूरबस्ती के निवासी पत्र के माध्यम से आपकी उस सराहनीय पहल का पूर्ण समर्थन करते हैं, जिसमें आपने शकूरबस्ती से बदलकर 'श्री रामपुरम' रखने का प्रस्ताव किया।"

निवासियों ने पत्र में आगे लिखा, "श्री रामपुरम नाम न केवल सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे क्षेत्र की गरिमा और विकासशील छवि को भी बेहतर रूप से दर्शाता है। वर्तमान नाम 'शकूरबस्ती' आधुनिक पहचान से मेल नहीं खाता और उसमें सुधार समय की जरूरत है।"

निवासियों ने विधायक करनैल सिंह से अनुरोध किया है कि इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार, संबंधित विभागों और भारत सरकार तक पहुंचाया जाए, ताकि इसे शीघ्र अमल में लाया जा सके। उन्होंने केंद्र सरकार से भी इस प्रक्रिया में सहयोग की उम्मीद जताई है।

क्षेत्रवासियों का कहना है कि यह केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि क्षेत्र के लिए नई पहचान, आत्मगौरव और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक बनेगा। स्थानीय लोगों ने विश्वास जताया कि विधायक करनैल सिंह के नेतृत्व में यह प्रस्ताव आगे बढ़ेगा और सफल होगा।

इसके अलावा, दिल्ली में नजफगढ़ और मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्रों के नाम बदलने की मांग भी उठ चुकी है। भाजपा विधायकों ने विधानसभा सत्र के दौरान अपने-अपने क्षेत्रों के नाम बदलने का अनुरोध किया था। नजफगढ़ को 'नाहरगढ़' और मुस्तफाबाद का नाम बदलकर 'शिव विहार' करने का अनुरोध किया गया था।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम समझें कि नाम परिवर्तन न केवल स्थानीय पहचान का मुद्दा है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। हमें यह देखना चाहिए कि यह परिवर्तन किस दिशा में जा रहा है और इसके पीछे की मंशा क्या है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या शकूरबस्ती का नाम बदलने का कोई कानूनी प्रावधान है?
हां, नाम परिवर्तन के लिए संबंधित सरकारी विभागों और विधानसभा में प्रस्तावित प्रक्रिया का पालन करना होता है।
स्थानीय निवासियों का इस प्रस्ताव पर क्या कहना है?
स्थानीय निवासियों ने विधायक के इस प्रस्ताव का खुलकर समर्थन किया है और इसे सांस्कृतिक पुनर्जागरण का एक महत्वपूर्ण कदम माना है।
क्या अन्य क्षेत्रों के नाम बदलने की मांग भी उठ रही है?
जी हां, दिल्ली में नजफगढ़ और मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्रों के नाम बदलने की मांग भी उठ चुकी है।