क्या विधानसभा चुनाव के लिए जनता जनसुराज के प्रत्याशी चुनेगी? : प्रशांत किशोर

सारांश
Key Takeaways
- जनता ही प्रत्याशी का चयन करेगी।
- प्रत्याशी चयन प्रक्रिया में आवेदन लिए जा रहे हैं।
- राजनीति में बदलाव की आवश्यकता है।
- दलित
मुजफ्फरपुर, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने रविवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में हम सभी 243 सीटों पर प्रतियोगिता करेंगे और प्रत्याशी वही होगा, जिसे जनता चुनेगी। वह भले ही कमजोर हो, लेकिन प्रत्याशी वही होगा।
मुजफ्फरपुर में एक प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि प्रत्याशी बनने के इच्छुक लोगों से आवेदन मांगे गए हैं और उन्हीं में से प्रत्याशी का चयन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में अभी किसी के पास हिम्मत नहीं है कि वह जनसुराज के ईमान को खरीद सके।
राजद अध्यक्ष लालू यादव के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के चित्र के सामने पैर रखने पर उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी में हिम्मत है, तो इसका विरोध करके दिखाएं। उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि वह हर जगह कहते हैं कि 'डरो मत', हम भी उनसे कहते हैं कि लालू यादव से मत डरो और आगे आकर उनका विरोध करो।
उन्होंने बिहार में कांग्रेस पार्टी की स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार में कांग्रेस, लालू यादव और उनकी पार्टी का झंडा उठाने वाली पार्टी है। अगर कांग्रेस में हिम्मत है तो वह अपने दम पर चुनाव लड़े।
उन्होंने मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में नाबालिग दलित लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना की चर्चा करते हुए कहा कि अगर पीएमसीएच की लापरवाही के कारण लड़की की मौत हुई है, तो स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को बताना चाहिए कि लड़की को समय पर चिकित्सा सुविधा क्यों नहीं मिली। यदि वह यह नहीं बता सकते हैं, तो उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
प्रशांत किशोर ने जदयू नेता अशोक चौधरी और सांसद शांभवी चौधरी द्वारा उन पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारी किसी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। हमारी लड़ाई उस सोच से है कि चंद परिवारों के लोग ही विधायक और सांसद बनेंगे। जहां तक समस्तीपुर या किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ने की बात है तो जनसुराज 243 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है।
उन्होंने मंत्री अशोक चौधरी को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये लोग दलित होने के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और सिर्फ अपने परिवार को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि अगर उनका परिवार तीन पीढ़ियों से राजनीति में है तो उन्होंने दलित बच्चों की शिक्षा के लिए क्या किया है?