क्या मध्य प्रदेश में 11 हजार कृष्ण भक्तों ने एक स्वर में गीता पाठ किया?

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क्या मध्य प्रदेश में 11 हजार कृष्ण भक्तों ने एक स्वर में गीता पाठ किया?

सारांश

मध्य प्रदेश में गीता जयंती पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में 11 हजार भक्तों ने सामूहिक गीता पाठ किया। यह आयोजन एआई आधारित संगीत नाट्य 'कृष्णायन' के साथ हुआ, जिसने दर्शकों को भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाओं से जोड़ा। इस अद्भुत घटना ने आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया।

Key Takeaways

  • गीता जयंती पर 11 हजार भक्तों ने किया सामूहिक पाठ।
  • एआई आधारित नाट्य 'कृष्णायन' का मंचन।
  • मुख्यमंत्री ने गीता को जीवन का मार्गदर्शक
  • गीता के मूल्यों का समाज में जागरण.
  • गीता भवनों का निर्माण

भोपाल, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में गीता जयंती के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर न केवल सामूहिक गीता पाठ हुआ, बल्कि एआई आधारित संगीत नाट्य 'कृष्णायन' का भी मंचन किया गया। ग्यारह हजार कृष्ण भक्तों ने एक स्वर में गीता का पाठ किया।

राजधानी के रविंद्र भवन में इस महोत्सव का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उज्जैन और भोपाल में आयोजित इस महोत्सव में भाग लिया। पहली बार एआई आधारित 'कृष्णायन' ने दर्शकों को भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य जीवन और उपदेशों का अनुभव कराया। इसके अलावा, विश्व गीता प्रतिष्ठानों द्वारा नृत्य नाटिका, दिव्यांग कलाकारों की विशेष 'गीता ऑन व्हील्स' प्रस्तुति, और चित्र प्रदर्शनी भी इस वर्ष के आयोजन के प्रमुख आकर्षण रहे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता एक अद्भुत और पवित्र ग्रंथ है, जिसके अध्ययन से मनुष्य के जीवन के सभी प्रश्नों का समाधान हो जाता है। उन्होंने बताया कि गीता का ज्ञान संपूर्ण सृष्टि का मूल आधार है। गीता महोत्सव में कृष्ण आराधना एवं आचार्यों, संतों की उपस्थिति में 11000 भक्तों और विद्यार्थियों ने गीता के 15वें अध्याय का सामूहिक पाठ किया।

इस अध्याय का पाठ पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। धर्म, संस्कृति और तकनीक का यह अनूठा संगम गीता की शिक्षाओं को नए रूप में प्रस्तुत करता है और समाज में गीता के मूल्यों के प्रति नई जागरूकता भी लाता है।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि इस पावन पर्व पर ऐसा लगता है कि गोपाल कृष्ण हमारे आस-पास ही हैं। पिछले वर्ष, लाल परेड ग्राउंड पर 3500 विद्यार्थियों ने सामूहिक गीता पाठ कर अद्भुत रिकॉर्ड बनाया था। इस बार प्रदेश के सभी 55 जिलों और 10 संभागों में लगभग 3 लाख से अधिक गीता पाठियों द्वारा गीता के 15वें अध्याय का सामूहिक पाठ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में शिक्षा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना। भारत में 5000 वर्ष पहले से विद्यार्थियों के लिए गुरुकुल की व्यवस्था थी। श्रीकृष्ण भी उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में आए और उन्होंने यहाँ चारों वेद, सभी उपनिषद, 64 कलाएं और 14 विद्याएं सीखी।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े सभी स्थानों को तीर्थस्थल के रूप में विकसित कर रही है। 'श्रीकृष्ण पाथेय' के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के चरणों के निशान को रेखांकित किया जा रहा है। प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में सामुदायिक भवनों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए गीता भवन बनाए जा रहे हैं। इंदौर के राजवाड़ा में प्रदेश का पहला गीता भवन बनकर तैयार है।

गृह, संस्कृति एवं पर्यटन के अपर मुख्य सचिव शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में सांस्कृतिक आयोजनों को नई दिशा मिली है। गीता जयंती के अवसर पर उज्जैन में 11 हजार भक्तों ने गीता के 15वें अध्याय का पाठ किया। उन्होंने बताया कि एक ही दिन में तीन लाख से अधिक गीता पाठियों द्वारा गीता पाठ कर नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा। राज्य सरकार गीता को घर-घर पहुंचाने के लिए तत्पर है।

Point of View

बल्कि यह समाज में गीता के मूल्यों की नई चेतना को भी जागृत करता है। मुख्यमंत्री की पहल से गीता को हर घर तक पहुंचाने की दिशा में उठाए गए कदम प्रशंसा के पात्र हैं।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

गीता जयंती पर क्या आयोजन किया गया?
गीता जयंती पर मध्य प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें 11 हजार भक्तों ने सामूहिक गीता पाठ किया।
कृष्णायन क्या है?
कृष्णायन एक एआई आधारित संगीत नाट्य है, जिसका मंचन इस महोत्सव में किया गया।
मुख्यमंत्री ने गीता के बारे में क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता एक अद्भुत ग्रंथ है, जिसके अध्ययन से जीवन के सभी प्रश्नों का समाधान होता है।
इस महोत्सव में क्या खास था?
इस महोत्सव में 11 हजार भक्तों का एक साथ गीता पाठ करना और एआई आधारित नाट्य 'कृष्णायन' का मंचन विशेष आकर्षण का केंद्र था।
गीता भवन क्या है?
गीता भवन सामुदायिक भवन हैं, जो गीता के प्रचार-प्रसार के लिए बनाए जा रहे हैं।
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