क्या महाराष्ट्र कांग्रेस जन सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रतियां जलाएगी? : हर्षवर्धन सपकाल

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क्या महाराष्ट्र कांग्रेस जन सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रतियां जलाएगी? : हर्षवर्धन सपकाल

सारांश

क्या महाराष्ट्र कांग्रेस अपने विरोधी जन सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रतीकात्मक रूप से प्रतियां जलाने जा रही है? हर्षवर्धन सपकाल ने इस कानून की गंभीरता को उजागर किया है। जानें इसके पीछे की सच्चाई और क्या है इस कानून का असली उद्देश्य।

Key Takeaways

  • कांग्रेस का जन सुरक्षा कानून के खिलाफ प्रदर्शन
  • हर्षवर्धन सपकाल की टिप्पणियां
  • सरकार की नीतियों पर सवाल
  • विरोध की आवाजें दबाने का प्रयास
  • महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति

मुंबई, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने सोमवार को यह घोषणा की कि उनकी पार्टी जन सुरक्षा कानून के विरोध में हर जिले में प्रतीकात्मक रूप से इसकी प्रतियां जलाएगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपकाल ने महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा कानून के पीछे की मंशा को भयावह बताया।

उन्होंने कहा, "इस कानून का एकमात्र लाभ सरकार और उसके समर्थन करने वालों को होगा। जिन लोगों ने जमीन हड़प ली है और शक्तिपीठ कॉरिडोर तक पहुंचना चाहते हैं, उन्हें ही इसका फायदा होगा।"

उन्होंने बताया कि गढ़चिरौली में पर्यावरणविद और आदिवासी, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग और शक्तिपीठ परियोजना का विरोध करने वाले किसान, अगर विरोध करते हैं, तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा और उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।

उन्होंने कहा, "इसका मूल संदेश स्पष्ट है कि या तो सरकार की प्रशंसा करो या चुप रहो। अगर आप विरोध में आवाज उठाएंगे, तो आपको चुप कराने के लिए इस अधिनियम का हथौड़ा चलाया जाएगा।"

उन्होंने कहा, "क्या महापुरुषों की विचारधाराओं का प्रचार करना माओवाद है? देवेंद्र फडणवीस को स्पष्ट करना चाहिए। अगर ये माओवादी विचार हैं, तो मैं इन्हें व्यक्त करता रहूंगा, और अगर फडणवीस मुझे इसके लिए गिरफ्तार करना चाहते हैं, तो कोई आपत्ति नहीं है।"

सपकाल ने यह भी कहा कि अगर फडणवीस मानते हैं कि वामपंथी विचारधारा जहरीली है, तो हम आरएसएस की शाखाओं में फैलाए जा रहे विचार का पर्दाफाश करेंगे।

उन्होंने दावा किया, "नरेंद्र दाभोलकर, जिन्होंने अपना पूरा जीवन अंधविश्वास को मिटाने के लिए समर्पित कर दिया, उनकी हत्या कर दी गई। कॉमरेड गोविंद पानसरे और कलबुर्गी, जिन्होंने अपने लेखन के माध्यम से जनता को जागरूक किया, उनकी भी हत्या कर दी गई। इन हत्याओं के पीछे वही ताकतें हैं, जो संभाजी ब्रिगेड के प्रवीण गायकवाड पर हमले के पीछे हैं।

—राष्ट्र प्रेस

एससीएच/एबीएम

Point of View

यह स्पष्ट है कि जन सुरक्षा कानून का उद्देश्य न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि विरोध आवाजों को दबाना भी है। राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे इस कानून के प्रभावों पर गंभीरता से विचार करें।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

जन सुरक्षा कानून का उद्देश्य क्या है?
जन सुरक्षा कानून का उद्देश्य राज्य में सुरक्षा सुनिश्चित करना है, लेकिन इसके दुरुपयोग की आशंका भी जताई गई है।
कांग्रेस इस कानून के खिलाफ क्यों प्रदर्शन कर रही है?
कांग्रेस का मानना है कि यह कानून जनता की आवाज को दबाने का प्रयास है और इससे केवल सरकार को लाभ होगा।