क्या मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने शिबू सोरेन के निधन पर दुख प्रकट किया?

सारांश
Key Takeaways
- शिबू सोरेन ने झारखंड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे।
- उनका निधन राजनीतिक जगत में शोक का कारण बना।
- मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
- शिबू सोरेन ने आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी सांसद राहुल गांधी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए नई दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने शिबू सोरेन के दुखद निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन को सांत्वना दी।
ज्ञात रहे कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के निधन पर राजनीति जगत में शोक का माहौल है। इससे पहले, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर गहरे दुख का इज़हार किया था।
उन्होंने पत्र में लिखा, "मैं अपनी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से आपके पूज्य पिता, गुरुजी शिबू सोरेन, जो एक सम्मानित सार्वजनिक व्यक्ति, वर्तमान राज्यसभा सदस्य और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक संरक्षक थे, के दुःखद निधन पर हार्दिक संवेदना और गहरा दुःख व्यक्त करता हूं। शिबू सोरेन ने झारखंड के लोगों की विशिष्ट सेवा की और तीन बार मुख्यमंत्री का पद संभाला। मुख्यमंत्री और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में, उन्होंने असाधारण प्रशासनिक कौशल और जनसेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का परिचय दिया।"
खड़गे ने आगे लिखा, "एक योग्य सांसद के रूप में, वे छह बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा के लिए चुने गए। एक सच्चे जन-पुरुष के रूप में, उन्होंने अपना जीवन लोगों, विशेषकर आदिवासियों, हाशिए पर पड़े लोगों और दलितों की चिंताओं को आवाज देने के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के मौलिक अधिकारों के लिए अथक संघर्ष किया और झारखंड के एक अलग राज्य के निर्माण के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"
उन्होंने आगे लिखा, "उनके निधन से देश और झारखंड राज्य ने एक दूरदर्शी नेता और मार्गदर्शक जननायक खो दिया है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आपको और आपके सभी परिजनों को इस गहन दुःख की घड़ी में शक्ति और सांत्वना मिले।"