क्या मनरेगा का नाम बदलना दुर्भाग्यपूर्ण है? पुष्पेंद्र सरोज का बयान

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क्या मनरेगा का नाम बदलना दुर्भाग्यपूर्ण है? पुष्पेंद्र सरोज का बयान

सारांश

मनरेगा का नाम बदलने को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेर लिया है। सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है, जिसके चलते महात्मा गांधी के नाम को हटाने की आलोचना की जा रही है। क्या यह देश के लिए सही है?

Key Takeaways

  • मनरेगा का नाम बदलना राजनीतिक विवाद का विषय बन गया है।
  • महात्मा गांधी के नाम को हटाना समाज में असंतोष पैदा कर सकता है।
  • विपक्ष ने सरकार के इस कदम को कड़ी आलोचना की है।
  • यह योजना गरीबों के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  • संसद में इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई है।

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत-जी राम जी' करने के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्षी सांसदों ने सरकार पर जानबूझकर इस योजना का नाम बदलने और महात्मा गांधी के प्रति नफरत रखने का गंभीर आरोप लगाया है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

पुष्पेंद्र सरोज ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "संविधान के कानून के तहत, अगर कोई बिल प्रस्तुत किया जाता है, तो जनता को यह बताने की आवश्यकता है कि इसे किस उद्देश्य से लाया जा रहा है। जैसे कि मनरेगा रोजगार देने का एक मिशन था। कई ऐसे बिल हैं, जिनका नाम बदला जा रहा है। यह देश का दुर्भाग्य है कि अपने एजेंडे को थोपने के लिए ऐसा किया जा रहा है। उन्हें महात्मा गांधी से इतनी नफरत हो गई है कि उनका नाम बदल रहे हैं। कहीं न कहीं, उनके मंसूबे अब देश की जनता के सामने स्पष्ट हो रहे हैं।"

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने भाजपा पर महात्मा गांधी को पसंद न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "पहले हमें शक था कि प्रधानमंत्री मोदी को नेहरू, राजीव गांधी या इंदिरा गांधी पसंद नहीं हैं, लेकिन अब हमें पता चला है कि उन्हें महात्मा गांधी भी पसंद नहीं हैं।"

उन्होंने यह भी कहा, "जब मैं पहली बार सांसद बना था, तब इस योजना का नाम 'नरेगा' था। बाद में, मनमोहन सिंह के समय में, महात्मा गांधी की याद में इसका नाम बदलकर 'मनरेगा' किया गया। इसका मकसद गरीब और गांव वालों को रोजगार देना था। यह योजना वर्षों से चल रही है। अब सरकार ने महात्मा गांधी का नाम हटा दिया है। उनका ऐसा करना हमारे समझ से परे है। महात्मा गांधी का नाम हर जगह होना हम सभी को अच्छा लगता है। पूरी दुनिया महात्मा गांधी को पहचानती है।"

बता दें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)' करने से जुड़े बिल पर संसद में जोरदार बहस देखने को मिली। इस बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने इसका कड़ा विरोध किया।

Point of View

बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय पहचान और मूल्यों से भी जुड़ा हुआ है। महात्मा गांधी का नाम हटाना, उनकी विचारधारा के प्रति disrespect है। हमें इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

मनरेगा का नाम क्यों बदला जा रहा है?
सरकार ने इसे 'विकसित भारत-जी राम जी' नाम दिया है, लेकिन विपक्ष इसे राजनीतिक एजेंडे से जोड़ते हुए विरोध कर रहा है।
पुष्पेंद्र सरोज ने क्या कहा?
पुष्पेंद्र सरोज ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाना नफरत का प्रतीक है।
क्या इससे रोजगार पर असर पड़ेगा?
यह योजना रोजगार देने के लिए बनाई गई थी, लेकिन इसके नाम बदलने से योजना की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं।
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