क्या आतंकी मसूद अजहर ने महिलाओं को जिहादी बनाने की योजना बनाई है?

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क्या आतंकी मसूद अजहर ने महिलाओं को जिहादी बनाने की योजना बनाई है?

सारांश

पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर ने अपनी महिला जिहाद ब्रिगेड 'जमात-उल-मोमिनात' की स्थापना की है। इस ब्रिगेड के जरिए महिलाओं को जिहाद में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें उन्हें जन्नत का सपना दिखाया जा रहा है। यह घटना भारतीय सुरक्षा के लिए एक नई चुनौती पेश करती है।

Key Takeaways

  • जमात-उल-मोमिनात का गठन एक नई महिला जिहाद ब्रिगेड है।
  • महिलाओं को जिहाद में शामिल करने के लिए जन्नत का ख्वाब दिखाया जा रहा है।
  • महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण कोर्स दिए जाएंगे।
  • इस संगठन की कमान सादिया अजहर के पास है।
  • यह एक गंभीर सुरक्षा खतरा है।

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान-समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने अपनी नई महिला जिहाद ब्रिगेड “जमात-उल-मोमिनात” के गठन की घोषणा की है। हाल ही में, आतंकी अजहर ने इस महिला जिहाद ब्रिगेड के लिए एक संदेश दिया है। वह महिलाओं को जिहाद में शामिल होने के लिए लगातार प्रेरित कर रहा है और उन्हें जन्नत के ख्वाब दिखा रहा है।

मसूद अजहर पाकिस्तानी महिलाओं से कहता है कि जो महिला जमात-उल-मोमिनात में शामिल होगी, वह सीधे जन्नत में जाएगी। उसका यह भाषण लगभग 21 मिनट लंबा है, जो बहावलपुर के मरकज उस्मान-ओ-अली में दिया गया। इसमें अजहर ने विस्तार से बताया कि महिलाओं को भर्ती करने और उन्हें विचारों में प्रशिक्षित करने का क्या तरीका होगा, ताकि वे उसके वैश्विक जिहाद अभियान में शामिल हो सकें।

मसूद अजहर के इस भड़काऊ भाषण की रिकॉर्डिंग राष्ट्र प्रेस के पास उपलब्ध है। इस संदेश में कई महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं। वह यह भी बताता है कि महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कोर्स ‘दौर-ए-तसकिया’ शुरू किया गया है, जो पुरुषों के ‘दौर-ए-तरबियत’ के समान है।

दूसरे चरण में महिलाओं को ‘दौर-ए-आयात-उल-निसा’ सिखाया जाएगा, जिसमें इस्लामी ग्रंथों के आधार पर महिलाओं का जिहाद में कर्तव्य बताया जाएगा। उसने कहा कि भारत की महिला सैनिकों और पत्रकारों का मुकाबला करने के लिए वह अपनी महिला इकाई तैयार कर रहा है। जैश-ए-मोहम्मद की योजना पाकिस्तान के हर जिले में जमात-उल-मोमिनात की शाखाएँ स्थापित करने की है। प्रत्येक शाखा की जिम्मेदारी जिला मुंतजिमा नामक महिला के पास होगी।

इसके साथ ही, महिलाओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी गैर-मह्रम पुरुष से संपर्क न करें। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस संगठन की कमान मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के पास है। महिला ब्रिगेड में अन्य नेताओं में उसकी बहन सुमैरा अजहर (उम्मे मसूद) और आफीरा फारूक शामिल हैं।

गौरतलब है कि आफीरा फारूक पुलवामा के हमलावर उमर फारूक की विधवा है। सुमैरा अजहर ऑनलाइन कक्षाएँ चला रही हैं, जिनका उद्देश्य नई महिलाओं की भर्ती और उनके ब्रेनवॉश करना है। संगठन की प्रचार शाखा “शोबा-ए-दावत” उन महिलाओं के माध्यम से चल रही है जिनके आतंकवादी रिश्तेदार भारतीय सेना के हाथों मारे गए। अजहर ने महिलाओं को अपनी किताब ‘ऐ मुसलमान बेहना’ पढ़ने का निर्देश दिया है।

उसने दावा किया कि भारत की ऑपरेशन सिंदूर कार्रवाई में उसके 14 रिश्तेदार मारे गए, जिनमें उसकी बहन हवा बीबी भी शामिल थी, जिसके साथ मिलकर उसने इस महिला ब्रिगेड का विचार तैयार किया। अब सामने आई यह रिकॉर्डिंग जैश-ए-मोहम्मद के महिला आतंकवादी नेटवर्क को संस्थागत स्वरूप देने की पुष्टि करती है, जिसे पाकिस्तान की जमीन पर राज्य प्रायोजित समर्थन प्राप्त है।

Point of View

NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

जमात-उल-मोमिनात क्या है?
जमात-उल-मोमिनात जैश-ए-मोहम्मद की एक नई महिला जिहाद ब्रिगेड है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को जिहाद में शामिल करना है।
मसूद अजहर ने महिलाओं को जिहाद में क्यों शामिल करने की योजना बनाई है?
मसूद अजहर का मानना है कि महिलाओं की सहायता से वह अपने जिहाद के अभियान को और मजबूत कर सकता है।
इस ब्रिगेड में महिलाओं को क्या प्रशिक्षण दिया जाएगा?
महिलाओं को 'दौर-ए-तसकिया' और 'दौर-ए-आयात-उल-निसा' जैसे विशेष प्रशिक्षण कोर्स दिए जाएंगे।
क्या यह भारत के लिए एक खतरा है?
हाँ, यह भारत के लिए एक नया खतरा है, क्योंकि यह महिलाओं को आतंकवाद के लिए भर्ती करने की एक नई रणनीति है।
क्या इस संगठन का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं?
हाँ, इस संगठन की कमान मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के पास है और अन्य महिलाएं भी इसमें शामिल हैं।