क्या मध्य प्रदेश में डाकघर के पूर्व कर्मचारी को धोखाधड़ी के लिए 5 साल की जेल हुई?

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क्या मध्य प्रदेश में डाकघर के पूर्व कर्मचारी को धोखाधड़ी के लिए 5 साल की जेल हुई?

सारांश

मध्य प्रदेश के जबलपुर में सीबीआई कोर्ट ने एक पूर्व उप डाकपाल को 70 लाख रुपये के गबन के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई है। यह मामला उच्चस्तरीय धोखाधड़ी का है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। जानिए इस मामले की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • सीबीआई कोर्ट ने विशाल कुमार अहिरवार को 5 साल की सजा सुनाई।
  • उन्हें 70 लाख रुपये के गबन के लिए दोषी ठहराया गया।
  • अहिरवार ने फर्जी निकासी की स्लिप बनाई थी।
  • सीबीआई ने मामले की जांच 2022 में शुरू की थी।
  • जुर्माना 32 हजार रुपये निर्धारित किया गया।

नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के जबलपुर में सीबीआई कोर्ट ने सागर जिले के खिमलासा उप डाकघर के पूर्व उप डाकपाल को जमाकर्ताओं के खातों से 70 लाख रुपए से अधिक की राशि के गबन के मामले में दोषी ठहराया है और उसे पांच साल की कठोर सजा सुनाई है। सीबीआई ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अदालत ने गुरुवार को आरोपी विशाल कुमार अहिरवार को पांच साल की सजा सुनाई और 32 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। विशाल कुमार अहिरवार 2020-22 के दौरान खीमलासा में सब पोस्ट मास्टर के पद पर कार्यरत था।

सीबीआई ने बताया कि अहिरवार के खिलाफ साल 2022 में 17 नवंबर को मामला दर्ज किया गया था। आरोप था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके निकासी प्रक्रिया में हेरफेर कर फंड की हेराफेरी की।

23 जून 2020 से 19 मार्च 2022 के बीच, अहिरवार ने कथित तौर पर फर्जी निकासी की स्लिप बनाईं और खाता पासबुक में गलत एंट्री कीं।

सीबीआई ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, आरोपी विशाल कुमार अहिरवार ने सरकारी खजाने को 70.97 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाया और खुद को उतना ही फायदा पहुंचाया।

इस मामले में जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने 23 नवंबर 2023 को जबलपुर में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश के समक्ष आरोपी के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया।

ट्रायल के दौरान, अभियोजन पक्ष ने सबूत पेश किए, जिनसे पता चला कि अहिरवार ने किस तरह से धोखाधड़ी से पैसे निकाले।

सीबीआई ने बताया कि ट्रायल के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया और उसे सजा सुनाई।

इसी तरह, गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज ने 25 सितंबर को अपने फैसले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, नोएडा की एसएसआई ब्रांच के ब्रांच मैनेजर मनोज श्रीवास्तव को 40 लाख रुपए के धोखाधड़ी मामले में दोषी ठहराया। कोर्ट ने उन पर 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया और 4 साल की सजा सुनाई।

सीबीआई के अनुसार, उसने 14 दिसंबर 2010 को बैंक धोखाधड़ी के आरोप में ब्रांच मैनेजर मनोज श्रीवास्तव और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

Point of View

NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

विशाल कुमार अहिरवार को किस कारण से सजा मिली?
उन्हें जमाकर्ताओं के खातों से 70 लाख रुपये से अधिक की राशि के गबन के मामले में दोषी ठहराया गया।
अहिरवार को कितनी सजा मिली?
उन्हें 5 साल की कठोर सजा सुनाई गई है।
सीबीआई ने यह मामला कब दर्ज किया था?
सीबीआई ने यह मामला 17 नवंबर 2022 को दर्ज किया था।
क्या कोर्ट ने आरोपी पर जुर्माना लगाया?
हाँ, कोर्ट ने आरोपी पर 32 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
क्या इस मामले में और भी आरोपी हैं?
जी हाँ, इसी प्रकार के एक अन्य मामले में गाजियाबाद के एक बैंक मैनेजर को भी दोषी ठहराया गया है।