क्या नोएडा में माता की मूर्तियों का विसर्जन सुरक्षित है?

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क्या नोएडा में माता की मूर्तियों का विसर्जन सुरक्षित है?

सारांश

नोएडा में माता दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन विशेष व्यवस्थाओं के तहत किया जा रहा है। प्रशासन ने यमुना नदी पर विसर्जन पर प्रतिबंध लगाया है और 12 कृत्रिम तालाब बनाए हैं। जानिए इस वर्ष की व्यवस्था और सुरक्षा उपायों के बारे में।

Key Takeaways

  • १२ कृत्रिम तालाब बनाए गए हैं विसर्जन के लिए।
  • प्लास्टिक सामग्री का उपयोग न करने की सलाह दी गई है।
  • सुरक्षा के लिए लगभग १५०० पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
  • ड्रोन कैमरों से भीड़ की निगरानी की जा रही है।
  • लोगों में पर्यावरण जागरूकता बढ़ी है।

नोएडा, २ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शारदीय नवरात्र के समापन के साथ ही नोएडा में माता दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन आरंभ हो गया है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यमुना नदी और अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों पर विसर्जन करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।

इसके बजाय, शहर में कुल १२ कृत्रिम तालाब बनाए गए हैं, जहाँ श्रद्धालु अपनी प्रतिमाओं का विसर्जन कर रहे हैं। इन तालाबों पर नगर निकाय ने विशेष कर्मियों की तैनाती की है, जो श्रद्धालुओं से मूर्तियां लेकर विधि-विधान के साथ विसर्जन कर रहे हैं। व्यवस्था ऐसी की गई है कि श्रद्धालुओं को तालाब में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा, बल्कि वे प्रतिमा सौंपकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं। विसर्जन से पूर्व कार्यकर्ता पूजा सामग्री और पॉलिथीन को अलग कर रहे हैं ताकि जल प्रदूषण न हो।

प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तालाब में किसी भी प्रकार की प्लास्टिक सामग्री नहीं डाली जाए। सेक्टर-२५ए के पास मोदी मॉल के निकट बनाए गए तालाब पर सुबह से श्रद्धालुओं की आवाजाही जारी है। भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए लोगों को तालाब के पास अधिक देर रुकने की अनुमति नहीं दी जा रही है। मौके पर पुलिसकर्मी तैनात हैं ताकि अव्यवस्था न हो।

इसी तर्ज पर शहर के अन्य सेक्टरों जैसे ६२, १३७, ७१, हरौला और झुंडपुरा में भी विसर्जन स्थल बनाए गए हैं। प्रशासन ने एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी की व्यवस्था की है। यमुना नदी के घाटों पर किसी भी प्रकार का विसर्जन पूरी तरह निषिद्ध है। इस संबंध में पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम लगातार गश्त कर रही है। दशहरे और मूर्ति विसर्जन के अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखने के लिए लगभग १५०० पुलिसकर्मियों और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है।

इनमें महिला पुलिसकर्मियों का भी समावेश है। ड्रोन कैमरों के माध्यम से भीड़भाड़ वाले इलाकों की निगरानी की जा रही है। प्रशासन का दावा है कि इस वर्ष पर्यावरण अनुकूल विसर्जन व्यवस्था को लेकर लोगों में जागरूकता भी काफी बढ़ी है। अधिकांश श्रद्धालु स्वयं ही पॉलिथीन और प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमाओं के उपयोग से बचने लगे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रशासन ने पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए श्रद्धालुओं की आस्था का भी सम्मान किया है। इस प्रकार की व्यवस्था अन्य नगरों के लिए एक मिसाल बन सकती है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

नोएडा में विसर्जन के लिए क्या व्यवस्थाएं की गई हैं?
नोएडा में 12 कृत्रिम तालाब बनाए गए हैं जहाँ श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से मूर्तियों का विसर्जन कर सकते हैं।
क्या यमुना नदी में विसर्जन की अनुमति है?
नहीं, यमुना नदी में विसर्जन पूरी तरह से प्रतिबंधित है।