क्या पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ता माहरंग बलूच को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा?

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क्या पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ता माहरंग बलूच को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा?

सारांश

पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने माहरंग बलूच को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। क्या यह राजनीतिक दमन का एक और उदाहरण है? जानें पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने माहरंग बलूच को 10 दिन की रिमांड पर भेजा।
  • यह कार्रवाई 'फर्जी और मनगढ़ंत' मामलों पर आधारित है।
  • बीवाईसी ने राजनीतिक दमन का आरोप लगाया है।
  • गिरफ्तारी से पहले कानूनी प्रक्रिया में अनियमितताएँ पाई गईं।
  • बीवाईसी ने रिहाई की मांग की है।

क्वेटा, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) ने मानवाधिकार कार्यकर्ता और बलूच यकजिहती कमेटी (बीवाईसी) की प्रमुख माहरंग बलूच को मंगलवार को पेशी के बाद 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

यह कार्रवाई उन एफआईआर के आधार पर की गई है, जिन्हें बीवाईसी ने "फर्जी और मनगढ़ंत" बताया है।

बीवाईसी की कार्यकर्ता समी दीन बलूच के अनुसार, मंगलवार सुबह माहरंग बलूच और अन्य नेताओं के खिलाफ 'पब्लिक ऑर्डर की सुरक्षा' से जुड़ी धारा 3 एमपीओ को अचानक वापस ले लिया गया। इसके तुरंत बाद उन्हें एटीसी में पेश किया गया, जहां से उन्हें फर्जी मामलों में क्वेटा पुलिस के हवाले कर दिया गया।

समी दीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "यह कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया पर सवाल खड़े करती है और यह दर्शाती है कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है।"

माहरंग बलूच की बहन नादिया बलूच ने जानकारी दी कि मंगलवार को तीन एमपीओ मामलों की समीक्षा के लिए जजों की एक बोर्ड बैठक निर्धारित थी, लेकिन उससे कुछ घंटे पहले ही गिरफ्तारी के आदेश वापस लेकर नेताओं को नए आरोपों में दोबारा हिरासत में ले लिया गया।

बीवाईसी ने बताया कि पिछले हफ्ते उनकी प्रमुख माहरंग बलूच, केंद्रीय सदस्य बिबगर बलूच, सुभगातुल्लाह शाह, कार्यकर्ता गुलजादी बलूच, बेबो बलूच और राजनीतिक नेता मामा गफ्फारइमरान बलूच को बिना किसी कानूनी आधार के तीन महीने के लिए हिरासत में लिया गया था।

बीवाईसी के अनुसार, “इन्हें 3एमपीओ के तहत गिरफ्तार किया गया और हर महीने अवैध रूप से हिरासत अवधि बढ़ाई जाती रही। एक महीने बाद मामला होम डिपार्टमेंट को सौंप दिया गया और बार-बार कार्यवाही को टालने की रणनीति अपनाई गई। 22 जून को एमपीओ की अवधि समाप्त हो गई, लेकिन 15 दिन बीतने के बाद भी न तो इन्हें रिहा किया गया, न ही कोई न्यायिक बोर्ड गठित किया गया और न ही परिवारों को किसी प्रकार की कानूनी जानकारी दी गई।”

बीवाईसी ने सभी नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग की है और पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि वह राजनीतिक आंदोलनों को बलपूर्वक कुचलने के "विफल प्रयोग" को तुरंत बंद करे।

Point of View

हमें यह स्वीकार करना होगा कि मानवाधिकारों का उल्लंघन एक गंभीर मुद्दा है। हमें हमेशा राष्ट्रहित में सोचना चाहिए, लेकिन यह भी आवश्यक है कि हम स्वतंत्रता और न्याय की रक्षा करें।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

माहरंग बलूच को किस कारण से गिरफ्तार किया गया?
उन्हें 'पब्लिक ऑर्डर की सुरक्षा' से जुड़ी धारा 3 एमपीओ के तहत गिरफ्तार किया गया है।
बीवाईसी क्या है?
बीवाईसी का मतलब बलूच यकजिहती कमेटी है, जो मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम करती है।
पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट क्या है?
यह कोर्ट आतंकवाद से संबंधित मामलों की सुनवाई करती है।
क्या माहरंग बलूच की गिरफ्तारी राजनीतिक दमन का हिस्सा है?
बीवाईसी का मानना है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण है।
क्या बीवाईसी ने किसी प्रकार की कार्रवाई की है?
बीवाईसी ने सभी नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग की है।