क्या पटना में राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा को फोन पर धमकी देने वाला पकड़ा गया?

सारांश
Key Takeaways
- उपेंद्र कुशवाहा को धमकी देने वाला युवक गिरफ्तार हुआ।
- गिरफ्तार युवक का लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कोई संबंध नहीं है।
- उपेंद्र कुशवाहा ने पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
- यह घटना राजनीतिक सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।
- सोशल मीडिया पर उपेंद्र कुशवाहा ने इस घटना की जानकारी साझा की थी।
पटना, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से जान से मारने की धमकी देने वाले एक युवक को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, गिरफ्तार युवक का लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कोई संबंध होने की जानकारी नहीं मिली है।
पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि 19 जून को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर उपेंद्र कुशवाहा को फोन पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसकी जानकारी उपेंद्र कुशवाहा ने स्वयं सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा की थी। इस मामले में उनके सहायक ने सचिवालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
पुलिस ने बताया कि धमकी देने वाले व्यक्ति की पहचान सिवान के दरौली निवासी राकेश कुमार के रूप में हुई है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके पास से वह मोबाइल नंबर और फोन भी बरामद हुआ है, जिससे उपेंद्र कुशवाहा को धमकी दी गई थी।
एक डायरी भी मिली है, जिसमें कई मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के फोन नंबर दर्ज हैं। पटना के एसएसपी ने बताया कि राकेश ने उपेंद्र कुशवाहा सहित कई लोगों को कॉल किया था। वह खुद को उपेंद्र कुशवाहा का समर्थक बताता है। पूछताछ में उसने कहा कि वह हाल के दिनों में उपेंद्र कुशवाहा के कुछ बयानों से नाराज था।
उल्लेखनीय है कि उपेंद्र कुशवाहा ने 19 जून को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा था, "आज शाम 8:52 से 9:20 बजे के बीच मुझे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर मोबाइल नंबर +916305129156 और +919229567466 से लगातार सात बार धमकी भरे कॉल आए। इसके अलावा मोबाइल नंबर +917569196793 से 8 बजकर 57 मिनट पर एसएमएस के माध्यम से कहा गया कि यदि राजनीतिक रूप से एक पार्टी विशेष पर बोलते रहे तो अंजाम भुगतना पड़ेगा, 10 दिन में खत्म कर देने जैसी बातें भी कहीं गईं।"
उन्होंने पटना एसएसपी से तत्काल संज्ञान लेने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह की धमकियां अस्वीकार्य हैं और इस पूरे व्यवधान को तुरंत समाप्त करने की अपेक्षा है।