क्या जीएसटी बचत उत्सव और स्वदेशी के मंत्र को नई ऊर्जा मिलेगी?: पीएम मोदी

सारांश
Key Takeaways
- नवरात्रि का पर्व भक्ति और संयम का प्रतीक है।
- पीएम मोदी ने जीएसटी 2.0 का महत्व बताया।
- स्वदेशी के मंत्र को नई ऊर्जा मिली है।
- आध्यात्मिक और आर्थिक पहलू का मेल।
- सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता।
नई दिल्ली, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए भक्ति और दृढ़ संकल्प का संदेश दिया। उन्होंने जीएसटी 2.0 के संबंध में कहा कि जीएसटी बचत उत्सव के साथ-साथ स्वदेशी के मंत्र को इस दौरान नई ऊर्जा मिलेगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, "आप सभी को नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं। साहस, संयम और संकल्प के भक्ति-भाव से भरा यह पावन पर्व हर किसी के जीवन में नई शक्ति और नया विश्वास लेकर आए। जय माता दी।"
उन्होंने कहा, "नवरात्रि में आज मां शैलपुत्री की विशेष पूजा-अर्चना का दिन है। मेरी कामना है कि माता के स्नेह और आशीर्वाद से हर किसी का जीवन सौभाग्य और आरोग्य से परिपूर्ण रहे।"
खास बात यह है कि इस साल नवरात्रि, जीएसटी 2.0 के लागू होने के साथ शुरू हो रही है। जीएसटी 2.0 एक बड़ा टैक्स सुधार है, जिसका उद्देश्य भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल बनाना और 375 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें कम करना है।
आध्यात्मिक और आर्थिक पहलू को जोड़ते हुए, पीएम मोदी ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, "इस बार नवरात्रि का यह शुभ अवसर बहुत विशेष है। जीएसटी बचत उत्सव के साथ-साथ स्वदेशी के मंत्र को इस दौरान नई ऊर्जा मिलने वाली है। आइए, विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए सामूहिक प्रयासों में जुट जाएं।"
प्रधानमंत्री मोदी ने त्योहार के आध्यात्मिक और संगीत के महत्व को भी सराहा। एक अलग पोस्ट में उन्होंने महान पंडित जसराज का एक भजन साझा किया और लोगों से अपना भक्ति संगीत साझा करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, "नवरात्रि सच्ची भक्ति का त्योहार है। बहुत से लोगों ने संगीत के माध्यम से इस भक्ति को अभिव्यक्त किया है। मैं पंडित जसराज जी का एक ऐसा ही मनमोहक भजन साझा कर रहा हूं। अगर आपने कोई भजन गाया है या आपका कोई पसंदीदा भजन है, तो कृपया मेरे साथ साझा करें। मैं आने वाले दिनों में उनमें से कुछ साझा करूंगा।"