क्या राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने शिक्षा बजट की समीक्षा की?

सारांश
Key Takeaways
- शिक्षा विभागों की बजट घोषणाओं की समीक्षा की गई।
- 'हरियालो राजस्थान' अभियान के तहत रिकॉर्ड पौधे रोपे गए।
- मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई में नागरिकों की समस्याएँ सुनीं।
- समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने का संकल्प।
- पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता।
जयपुर, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा विभागों की बजट घोषणाओं की समीक्षा की।
इस समीक्षा के साथ ही शैक्षणिक सुविधाओं एवं सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और विस्तार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। इस दौरान उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मुख्यमंत्री को 'हरियालो राजस्थान' के तहत रिकॉर्ड संख्या में दुर्लभ प्रजातियों के पौधे रोपने के लिए लंदन का वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड प्रमाण पत्र प्रदान किया। बैठक में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सीएम भजनलाल शर्मा ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल के माध्यम से इस बात की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, "यह स्वर्णिम उपलब्धि हमारी सरकार की पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को दिखाती है।"
एक अन्य 'एक्स' पोस्ट में उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री निवास पर नियमित जनसुनवाई में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए नागरिकों की समस्याओं को सुना और उपस्थित अधिकारियों को त्वरित समाधान हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। हमारी सरकार का यह दृढ़ संकल्प है कि प्रत्येक नागरिक की समस्या का समयबद्ध और न्यायसंगत समाधान सुनिश्चित किया जाए।"
डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने भी अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में कहा, "आज मुख्यमंत्री कार्यालय में सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा विभागों की बजट घोषणाओं के संबंध में विस्तृत समीक्षा की गई। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के साथ 'हरियालो राजस्थान' अभियान के अंतर्गत दुर्लभ प्रजातियों के रिकॉर्ड पौधे लगाने पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन का सर्टिफिकेट मुख्यमंत्री को भेंट किया गया।"
गौरतलब है कि 'हरियालो राजस्थान' की शुरुआत हरियालो तीज के अवसर पर 7 अगस्त 2024 को की गई थी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य राज्य को अधिक हरित बनाकर इसकी पर्यावरणीय गुणवत्ता और समग्र समृद्धि में वृद्धि करना है।