क्या राजस्थान सरकार अतिवृष्टि प्रभावितों के लिए हरसंभव कदम उठा रही है?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने जिलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
- विधायकों को अपने क्षेत्रों की स्थिति की रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है।
- सरकार किसानों के साथ खड़ी है और राहत कार्यों में कोई कमी नहीं रखेगी।
जोधपुर, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने शुक्रवार को जोधपुर के सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अतिवृष्टि से हुए नुकसान पर चर्चा करते हुए कांग्रेस की कार्यशैली पर कड़ा प्रहार किया।
जोगाराम पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अतिवृष्टि की आशंका को देखते हुए जिला कलेक्टरों को पहले ही सतर्क रहने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फील्ड में रहने और प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया। सभी विधायकों को अपने क्षेत्रों में दो दिन तक दौरा कर कलेक्टर के माध्यम से रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रियों को भी उनके प्रभार वाले जिलों में जाकर स्थिति का जायजा लेने को कहा गया है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार आमजन और किसानों के साथ खड़ी है और जरूरत पड़ने पर विशेष मुआवजा देने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए जोगाराम पटेल ने कहा कि उनके पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। उन्होंने विधानसभा में कांग्रेस के व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा कि जब आपदा राहत मंत्री अतिवृष्टि पर जानकारी दे रहे थे, तब कांग्रेस ने हो-हल्ला कर सदन में व्यवधान डाला। यह उनकी पुरानी परंपरा है। जब भी कोई अच्छी बात फ्लोर पर आती है तो वे शोर मचाकर बाहर निकल जाते हैं। प्रदेश सरकार अतिवृष्टि प्रभावितों के लिए हरसंभव कदम उठा रही है और जनता के हित में काम कर रही है।
हनुमान बेनीवाल की पुलिस पर टिप्पणी के सवाल पर पटेल ने कहा, "सभी जनप्रतिनिधियों को प्रशासन के साथ अच्छा आचरण रखना चाहिए। हर व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए।"
टीकाराम जूली द्वारा ट्रैक्टर लाने की घटना पर उन्होंने कहा, "जूली अपने क्षेत्र में नहीं गए, वे सिर्फ राजनीतिक टूल बन गए हैं। कोचिंग बिल पर उनकी और हरीश चौधरी की टिप्पणियां विरोधाभासी थीं।"
जोगाराम पटेल ने कांग्रेस नेतृत्व पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा में नदारद रहते हैं। सचिन पायलट भी वहां नहीं दिखते। विपक्ष का काम जनता की बात रखना है, लेकिन कांग्रेस सिर्फ हो-हल्ला करती है।"
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "गमछा घुमाने से किसानों का हित नहीं होता, उनके लिए काम करने से होता है। यही कारण है कि कांग्रेस राजस्थान और पूरे भारत से अदृश्य हो रही है।"
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच टकराव पर उन्होंने कहा कि यह सामने दिख रहा है। दोनों कभी विधानसभा में एक साथ नहीं आए।