क्या सहरसा में मशरूम खेती से महिलाओं की जिंदगी बदल रही है?

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क्या सहरसा में मशरूम खेती से महिलाओं की जिंदगी बदल रही है?

सारांश

सहरसा में मशरूम खेती का बढ़ता प्रचलन ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहा है। केंद्र और बिहार सरकार की योजनाओं के तहत महिलाएं स्वरोजगार के नए अवसरों का लाभ उठा रही हैं। आइए जानें, कैसे ये महिलाएं अपनी जिंदगी में बदलाव ला रही हैं।

Key Takeaways

  • मशरूम की खेती से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।
  • सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाएं स्वरोजगार कर रही हैं।
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम से महिलाओं को किसान बनने की दिशा में मदद मिल रही है।
  • मशरूम उत्पादन से आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
  • बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन से किसानों की आय बढ़ रही है।

सहरसा, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है। इसी दिशा में, बिहार सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम की खेती को प्रोत्साहित किया है।

इन योजनाओं के तहत, घरेलू महिलाएं डिजिटल सखी और जीविका दीदियों से जुड़कर अपने स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।

सिहौल की शशिकला देवी ने डिजिटल सखी से जुड़कर अपनी जीविका शुरू की। चार दिवसीय मशरूम खेती प्रशिक्षण से उन्होंने सीखा कि नौकरी के साथ पार्ट टाइम काम कर अतिरिक्त आय कैसे अर्जित की जा सकती है। मशरूम किट की लागत ₹30 है, जिसमें सरकार ₹55 का अनुदान प्रदान करती है।

वहीं, बरहशेर की रीना भारती अब अन्य महिलाओं को प्रेरित करने का कार्य करेंगी। मौकना की प्रियंका कुमारी बच्चों को पढ़ाने के साथ मशरूम की खेती कर रही हैं।

सहरसा के कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर की वैज्ञानिक डॉ. सुनीता पासवान ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि चार दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स में महिलाओं को मशरूम उत्पादन के लाभ और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग की जानकारी दी जाती है। इसके लिए डिजिटल सखी जोड़ी गई हैं। 50 प्रतिशत तक डिजिटल सखी हैं और बाकी जीविका दीदी हैं। प्रशिक्षण के बाद ये महिलाएं गांव में जाकर लोगों को जागरूक करेंगी। अगर जरूरत पड़ी तो प्रशिक्षण को बढ़ाया जा सकता है। इस प्रशिक्षण से महिलाएं प्रशिक्षित होने के साथ ही आत्मनिर्भर बन रही हैं।

उद्यान विभाग की योजना में किसानों को अनुदानित दर पर मशरूम हट बनाने की सुविधा मिल रही है। पैडी और ओयेस्टर मशरूम किट ₹75 में मिलेगी, जिसमें ₹67.50 का अनुदान है। बटन मशरूम किट ₹90 की है, इस पर ₹81 का अनुदान मिलेगा। बकेट मशरूम किट ₹300 का है, इस पर ₹270 का अनुदान दिया जाएगा। यह योजना महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार का अवसर दे रही है। साथ ही बाजार की मांग के अनुरूप उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है।

Point of View

बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे सरकारी योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बना सकती हैं। हमारे देश की प्रगति के लिए यह आवश्यक है कि हम सभी समुदायों को विकास के अवसर प्रदान करें।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

मशरूम खेती से महिलाओं को क्या लाभ हो रहा है?
मशरूम खेती से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, उन्हें रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
क्या सरकार मशरूम खेती के लिए अनुदान देती है?
हाँ, सरकार मशरूम किट पर अनुदान प्रदान करती है, जिससे महिलाओं को खेती करने में आसानी होती है।
क्या प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेना अनिवार्य है?
जी हाँ, प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेना अनिवार्य है, ताकि महिलाएं सही तरीके से मशरूम उत्पादन कर सकें।