क्या एसबीआई 2047 तक 'विकसित भारत' की दिशा में इनोवेशन और सशक्तीकरण को जारी रखेगा?

सारांश
Key Takeaways
- एसबीआई ने 70 वर्षों में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
- बैंक की बैलेंस शीट 66 लाख करोड़ रुपए तक पहुंची है।
- एसबीआई डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से ग्राहकों को सशक्त बना रहा है।
- सौर ऊर्जा कार्यक्रम भारत के नेट जीरो लक्ष्यों में सहायक है।
- एसबीआई का लक्ष्य 2047 तक 'विकसित भारत' की दिशा में योगदान देना है।
मुंबई, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने संचालन के 70 वर्ष पूरे करने का उत्सव मना रहा है। बैंक की बैलेंस शीट 66 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है और इसके ग्राहकों की संख्या 52 करोड़ से अधिक हो गई है।
इस विशेष अवसर पर वित्त मंत्री सीतारमण ने एसबीआई को राष्ट्र की सेवा के 70 वर्ष पूरे करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, "आज 23,000 से अधिक ब्रांचें, 78,000 कस्टमर सर्विस पॉइंट्स (सीएसपी) और 64,000 एटीएम के साथ एसबीआई की स्थिति काफी मजबूत है और यह हर भारतीय का बैंक है।"
वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले दशक में बैंक द्वारा किए गए डिजिटल परिवर्तन ग्राहकों के लिए अत्यधिक लाभदायक साबित हुए हैं। बैंक ने 1.5 करोड़ किसानों, महिलाओं द्वारा संचालित 1.3 करोड़ स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), पीएम स्वनिधि योजना के तहत 32 लाख स्ट्रीट वेंडर्स, 23 लाख एमएसएमई और विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाखों कारीगरों को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बैंक के पास 15 करोड़ जन धन खाते, 14.65 करोड़ पीएम सुरक्षा बीमा योजना, 1.73 करोड़ अटल पेंशन योजना और 7 करोड़ पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के लाभार्थी हैं।
उन्होंने आगे कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि एसबीआई 2047 तक 'विकसित भारत' की दिशा में इनोवेशन और सशक्तीकरण को लगातार जारी रखेगा।"
एसबीआई, जो 1955 में स्थापित हुआ, ने भारत के विकास लक्ष्यों का समर्थन करने से लेकर डिजिटल और ग्रीन इकोनॉमी के प्रेरक के रूप में विकसित होने का कार्य किया है।
एसबीआई के एक बयान के अनुसार, भारत के रिन्यूएबल एनर्जी ट्रांजिशन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए एसबीआई का सोलर रूफटॉप कार्यक्रम वित्त वर्ष 2027 तक चार मिलियन घरों को सौर ऊर्जा से लैस करने का लक्ष्य रखता है, जिससे भारत के नेट जीरो 2070 लक्ष्यों को आगे बढ़ाया जा सकेगा।
एसबीआई के चेयरमैन सी.एस. सेट्टी ने कहा, "भारत विकास और अवसर के एक नए युग में प्रवेश कर रहा है, और इसी के साथ एसबीआई बैंकिंग के भविष्य की मजबूत नींव रख रहा है, जो अपने मूल में डिजिटल, पहुंच में समावेशी और प्रभाव में सस्टेनेबल है।"
उन्होंने 1 जुलाई 1955 की प्रेस विज्ञप्ति को दोहराते हुए कहा, "हमारी नीति, हमेशा की तरह, हमारे ग्राहकों और पूरे देश के हितों को आगे बढ़ाने के आदर्श से निर्देशित होगी।"