क्या शशि थरूर का भाई-भतीजावाद वाला लेख साहसिक कार्य है?

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क्या शशि थरूर का भाई-भतीजावाद वाला लेख साहसिक कार्य है?

सारांश

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने शशि थरूर के भाई-भतीजावाद पर आधारित लेख को साहसिक कार्य बताया। जानें इस लेख में थरूर ने क्या कहा और राजनीति में वंशवाद के मुद्दे पर उनकी राय क्या है।

Key Takeaways

  • भारतीय राजनीति में वंशवाद का मुद्दा गंभीर है।
  • शशि थरूर ने अपने लेख में पारिवारिक व्यवसाय की बात की।
  • भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस के खिलाफ आरोप लगाए।
  • आलेख ने राजनीतिक विमर्श को बढ़ावा दिया।
  • नेताओं की जवाबदेही की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने शशि थरूर के भाई-भतीजावाद पर आधारित लेख पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

शहजाद पूनावाला ने कहा कि आज मैंने शशि थरूर का एक लेख पढ़ा, जिसमें उन्होंने विस्तार से बताया है कि कैसे भारतीय राजनीति तेजी से एक पारिवारिक व्यवसाय बनती जा रही है।

उन्होंने अपने लेख की शुरुआत कांग्रेस के प्रथम परिवार का उल्लेख करके की है, जिसने कई मायनों में इस विचार को वैधता प्रदान की है कि राजनीतिक पद और सत्ता जन्मसिद्ध अधिकार हैं। इस तरह की बेबाकी, कांग्रेस के भाई-भतीजावाद और नामदारों के खिलाफ बोलना शशि थरूर का एक साहसिक कार्य है।

उन्हें याद होगा कि 7-8 साल पहले मैंने भी इसी तरह के मुद्दे उठाए थे और हम सभी जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ था। मुझे पूरी उम्मीद है कि शशि थरूर के साथ भी ऐसा ही व्यवहार न हो।

बता दें कि केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। कई बार उनके बयान खुद उनकी पार्टी कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर देते हैं। ताजा मामला उनके वंशवाद को लेकर लिखे एक आर्टिकल से जुड़ा है। दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव के बीच उन्होंने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ने इस विचार को पुख्ता किया है कि राजनीति नेतृत्व जन्मसिद्ध अधिकार हो सकता है।

इससे पहले भाजपा नेता ने गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चुनाव आयोग की घोषणा पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश में चुनाव कराना चुनाव आयोग का संवैधानिक कर्तव्य और अधिकार है और चुनाव से पहले मतदाता सूची की अखंडता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है, इसलिए हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस और महागठबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह गठबंधन संविधान की बात तो करता है, लेकिन असल में इसका एजेंडा सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की जुबान पर संविधान की दुहाई दी जाती है, पर दिल में वोट बैंक का एजेंडा चलता है और इसके ढेरों सबूत मौजूद हैं।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि भारतीय राजनीति में वंशवाद एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है। शशि थरूर का लेख इस विषय पर चर्चा को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। यह जरूरी है कि हम इस मुद्दे पर खुलकर बात करें और अपने नेताओं से जवाबदेही की मांग करें।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

शशि थरूर ने अपने लेख में क्या कहा?
शशि थरूर ने अपने लेख में बताया कि भारतीय राजनीति तेजी से एक पारिवारिक व्यवसाय बनती जा रही है और नेहरू-गांधी परिवार ने इस विचार को पुख्ता किया है।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला का क्या कहना है?
शहजाद पूनावाला ने कहा कि थरूर का यह लेख साहसिक है और उन्होंने कांग्रेस के भाई-भतीजावाद के खिलाफ खुलकर बात की है।
क्या वंशवाद भारतीय राजनीति की समस्या है?
हां, वंशवाद भारतीय राजनीति में एक गंभीर समस्या है और यह कई अवसरों पर बहस का विषय रहा है।