क्या सोनिया गांधी को विदेश नीति की समझ नहीं है? : राम कदम

सारांश
Key Takeaways
- सोनिया गांधी का ईरान को मित्र बताना विवाद का विषय बना।
- राम कदम का बयान विदेश नीति पर संवाद को दर्शाता है।
- 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का महत्व।
- राजनीतिक बयानों का राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव।
- योग का वैश्विक महत्व।
नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल-ईरान के बीच चल रहे विवाद में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा 'ईरान को भारत का पुराना मित्र' कहने पर भाजपा नेता राम कदम ने अपनी चिंता व्यक्त की है। कदम ने कहा कि सोनिया गांधी को विदेश नीति की सही समझ नहीं है।
एक लेख में, जो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया पर साझा किया, सोनिया गांधी ने ईरान की प्रशंसा की और उसके खिलाफ इजरायली हमले की निंदा की।
भाजपा नेता राम कदम ने शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मुझे लगता है कि सोनिया गांधी को विदेश नीति की समझ नहीं है, या शायद वह जानबूझकर एक विशेष धार्मिक समुदाय को खुश करने की कोशिश कर रही हैं। भारत का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है - भारत विश्व में शांति चाहता है। प्रधानमंत्री मोदी देश के हित में निर्णय लेंगे और सोनिया गांधी को इस पर भरोसा रखना चाहिए। उनके समय में जब मुंबई में हमले होते थे, तब ये लोग चुप रहते थे। अब ये लोग विदेश नीति पर बात करेंगे।"
11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर, राम कदम ने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षों से पूरा विश्व योग दिवस मना रहा है। योग भारत का एक अनमोल खजाना है। प्रधानमंत्री मोदी, बाबा रामदेव, श्री श्री रविशंकर और अन्य आध्यात्मिक गुरुओं के प्रयासों से आज पूरा विश्व प्राणायाम का अभ्यास कर रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर संजय राउत द्वारा लिखे गए लेख पर राम कदम ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस कह चुके हैं कि संजय राउत सिर्फ बकवास करते हैं। उनका सामना अखबार रद्दी पेपर है, जिसे उनके कार्यकर्ता ही पढ़ते हैं।