क्या श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के चार मछुआरों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- श्रीलंकाई नौसेना ने चार भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया।
- मछुआरे अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा का उल्लंघन कर रहे थे।
- स्थानीय समुदाय में यह घटना चिंता का विषय है।
- फिशरमैन एसोसिएशन ने गिरफ्तारी का विरोध किया है।
- केंद्र और राज्य सरकारों से हस्तक्षेप की मांग की गई है।
चेन्नई, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के रामेश्वरम से चार भारतीय मछुआरों को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने और श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया।
इन मछुआरों को मंगलवार तड़के गिरफ्तार किया गया जब वह समुद्र में मछली पकड़ने के लिए मोटर चालित नावों के साथ गए थे।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, मछुआरे रामेश्वरम फिशिंग हार्बर से बाहर गए थे। जब श्रीलंकाई नौसेना ने उन्हें रोका, वह समुद्र के बीच मछलियां पकड़ने में व्यस्त थे।
नौसेना ने उन पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) का उल्लंघन करने और श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने का आरोप लगाया है।
श्रीलंकाई नौसेना ने चारों मछुआरों को गिरफ्तार करने के साथ उनकी नाव को भी जब्त कर लिया।
रिपोर्टों के अनुसार, हिरासत में लिए गए सभी मछुआरों को आगे की पूछताछ के लिए श्रीलंका के मन्नार नौसेना कैंप ले जाया गया है।
यह घटना एक सतत क्रम का हिस्सा है, जिसमें श्रीलंकाई अधिकारी कथित तौर पर अपने जलक्षेत्र में प्रवेश करने वाले भारतीय मछुआरों पर कार्रवाई तेज कर रहे हैं।
मछुआरों ने आरोप लगाया है कि गिरफ्तारी के साथ-साथ, श्रीलंकाई सरकार अक्सर उनकी मोटर से चलने वाली नाव को जब्त कर लेती है। इनमें से कई नावों को बाद में राज्य की संपत्ति घोषित किया जाता है।
ऐसे घटनाक्रमों ने तमिलनाडु के मछुआरा समुदायों, खासकर रामनाथपुरम जैसे तटीय जिलों में, गहरी चिंता पैदा कर दी है। ये मछुआरे आजीविका के लिए गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को मजबूर हैं।
फिशरमैन एसोसिएशन ने श्रीलंकाई नौसेना की कार्रवाई पर कड़ा विरोध जताया है। इसके साथ ही केंद्र और तमिलनाडु सरकार, दोनों से मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है।
स्थानीय फिशरमैन एसोसिएशन के प्रतिनिधि जॉन थॉमस ने कहा, "इस पुराने विवाद को सुलझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास होने चाहिए। बार-बार होने वाली गिरफ्तारियों से हमारी जिंदगियां और आजीविका दोनों खतरे में पड़ गई हैं।"
इस तरह की गिरफ्तारियों के चलते मछुआरों के समुदाय भय के साये में जी रहे हैं। भारत और श्रीलंका के बीच स्थायी समाधान के लिए राजनयिक प्रयास अभी तक बेनतीजा रहे हैं।