क्या तमिलनाडु के किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सराहना की?

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क्या तमिलनाडु के किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सराहना की?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण भारत जैविक खेती सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर दिया, जिससे तमिलनाडु के किसानों में नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार हुआ। उनकी पहल से जैविक खेती को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

Key Takeaways

  • प्राकृतिक खेती के लाभ
  • किसानों के लिए नई पहल
  • सतत कृषि का महत्व
  • जैविक खेती को बढ़ावा
  • किसानों की आर्थिक सहायता

चेन्नई, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोडिसया (कोयंबटूर डिस्ट्रिक्ट स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) व्यापार मेला परिसर में तमिलनाडु जैविक किसान संघ द्वारा आयोजित दक्षिण भारत जैविक खेती सम्मेलन का उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने जनसमूह को संबोधित करते हुए सतत कृषि के महत्व पर जोर दिया और कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हो रही है कि किसान पंचगव्य, जीवामृत, बीजामृत, और अच्छादान जैसी प्राकृतिक खेती की परंपराओं को अपना रहे हैं क्योंकि ये मिट्टी को स्वस्थ रखते हैं, फसलों को रसायन मुक्त रखते हैं, और लागत कम करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "प्राकृतिक खेती हमें जलवायु परिवर्तन का सामना करने में मदद करती है। यह हमारी मिट्टी को स्वस्थ रख सकती है और इससे लोगों को हानिकारक रसायनों से बचाया जा सकता है। यह आयोजन इस दिशा में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।"

प्राकृतिक खेती शिखर सम्मेलन ने कृषि विशेषज्ञों के साथ-साथ किसान समूहों का भी ध्यान आकर्षित किया और उनकी प्रशंसा की, क्योंकि उन्होंने कहा कि इससे देश भर में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

सम्मेलन में भाग लेने वाले एक स्थानीय किसान मुरुगेसन ने कहा कि मैं 13 वर्षों से जैविक खेती कर रहा हूं और मेरा मानना ​​है कि यह पहल और अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जैविक खेती के लिए कई पहल की हैं, जो टिकाऊ कृषि के विकास के लिए आवश्यक हैं।

किसान मणिमेकलाई ने कहा कि यह सम्मेलन प्रधानमंत्री द्वारा पहले से ही शुरू किए गए प्राकृतिक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाएगा। वह इन उपायों को सही ढंग से लागू कर रहे हैं और हर किसान को ऐसी कृषि पहलों के बारे में पता होना चाहिए।

एक अन्य किसान कनगराज ने कहा कि इस तरह के प्रयास सिंथेटिक उर्वरकों को खत्म करने और लोगों की जैविक खाद्य पदार्थों तक पहुंच सुनिश्चित करने में मददगार साबित होंगे। इससे रोगमुक्त जीवन संभव होगा।

एक अन्य किसान ने इस अनूठी पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों की कठिनाइयों को समझते हैं और कृषि के स्तर को बेहतर बनाने के लिए निरंतर समर्पित हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्री-किसान सम्मान निधि योजना के तहत गरीब किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार का भी धन्यवाद किया।

Point of View

बल्कि पूरे देश में कृषि के क्षेत्र में परिवर्तन लाने की दिशा में भी एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
19/11/2025

Frequently Asked Questions

प्राकृतिक खेती क्या है?
प्राकृतिक खेती एक ऐसी कृषि पद्धति है जो रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बिना फसलों की खेती को प्रोत्साहित करती है।
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक खेती की पद्धतियों के प्रति जागरूक करना और उन्हें अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
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