क्या तेलंगाना में सीपीआई-माओवादी से जुड़े 12 कैडरों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया?

सारांश
Key Takeaways
- 12 कैडरों का आत्मसमर्पण
- माओवादी गतिविधियों में कमी
- सरकार की सख्त कार्रवाई
- माओवादियों के खिलाफ बढ़ते कदम
- सामाजिक न्याय की आवश्यकता
भद्राद्री-कोठागुडेम, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। सीपीआई (माओवादी) से जुड़े छत्तीसगढ़ के 12 कैडरों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। सभी ने गुरुवार को तेलंगाना के भद्राद्री-कोठागुडेम जिले में पुलिस के समक्ष सरेंडर किया। आत्मसमर्पण करने वाले में 2 डिवीजनल कमिटी सदस्य (डीवीसीएम) और 4 एरिया कमिटी सदस्य (एसीएम) शामिल हैं।
ये सभी कैडर लंबे समय से माओवादी गतिविधियों में संलिप्त थे। इस वर्ष तेलंगाना राज्य में अब तक कुल 566 माओवादी कैडर ने आत्मसमर्पण किया है। पूरे देश में, वर्ष 2025 में अब तक कुल 1260 माओवादी कैडरों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 2024 में यह संख्या 881 थी।
इससे पहले, आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में मुठभेड़ के दौरान सीपीआई (माओवादी) के तीन प्रमुख नेता मारे गए थे। विशिष्ट माओवादी विरोधी बल ग्रेहाउंड्स के जवानों ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा सीमा के इलाके में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान कुछ माओवादी दिखाई दिए, जिन्हें सरेंडर करने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीन माओवादी मारे गए।
माओवादियों की पहचान आंध्र ओडिशा बॉर्डर (एओबी) स्पेशल जोन कमेटी के सचिव गजरला रवि उर्फ उदय, स्पेशल जोन कमेटी सदस्य अरुणा, और स्पेशल जोन कमेटी एसीएम अंजू के रूप में की गई। रवि सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति का सदस्य भी था। मुठभेड़ स्थल से तीन एके-47 राइफलें बरामद की गईं। अरुणा विशाखापत्तनम जिले के पेंडुर्थी मंडल के करकावानीपालम की निवासी थी और उस पर 25 लाख रुपये का इनाम था। उदय के सिर पर भी 25 लाख रुपये का इनाम था।
माओवादी अरुणा का नाम अराकू विधायक किदारी सर्वेश्वर राव और पूर्व विधायक सिवेरी सोमा की हत्या में जुड़ा था। माओवादियों ने 2018 में विशाखापत्तनम जिले में टीडीपी के दो नेताओं की गोली मारकर हत्या की थी। अरुणा, माओवादियों की केंद्रीय समिति के सदस्य रामचंद्र रेड्डी उर्फ चलापथी की पत्नी थी। चलापथी इस वर्ष जनवरी में ओडिशा की सीमा के निकट छत्तीसगढ़ में मारे गए 14 माओवादियों में शामिल था।