क्या यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगी नई उड़ान? कैबिनेट से मिली मंजूरी

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क्या यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगी नई उड़ान? कैबिनेट से मिली मंजूरी

सारांश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस नीति के तहत 2025 तक इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट्स के निर्माण में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश में निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह कदम यूपी को एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • यूपी को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाने की दिशा में कदम।
  • नीति के तहत 5,000 करोड़ रुपए का निवेश और लाखों रोजगार के अवसर।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट्स के निर्माण में 11 महत्वपूर्ण उत्पाद शामिल।
  • नवाचार और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने का प्रयास।
  • पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे के लिए नई व्यवस्था।

लखनऊ, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का एक वैश्विक केंद्र बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025 (यूपी ईसीएमपी 2025) को मंजूरी दी, जो आगामी 6 वर्षों में प्रदेश में डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल, मल्टीलेयर पीसीबी जैसे 11 महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट्स के उत्पादन को प्रोत्साहित करेगी।

इस नई नीति के माध्यम से योगी सरकार का लक्ष्य है 5,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करना और लाखों रोजगार के अवसर सृजित करना। योगी कैबिनेट ने केंद्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) के अनुरूप यूपी ईसीएमपी 2025 को लागू करने का निर्णय लिया है, जो एक अप्रैल, 2025 से 6 वर्षों तक प्रभावी रहेगी। इस नीति के तहत उद्यमियों को केंद्र की योजना के समकक्ष अतिरिक्त प्रोत्साहन दिए जाएंगे, जिससे यूपी का मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरेगा।

नीति का कार्यान्वयन शासन स्तर पर गठित नीति कार्यान्वयन इकाई और सशक्त समिति की देखरेख में नोडल संस्था द्वारा किया जाएगा। नीति के तहत डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल, मल्टीलेयर पीसीबी जैसे कॉम्पोनेन्ट्स के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।

प्रमुख सचिव अनुराग यादव ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। 2015 में जहां केवल 2 यूनिट मोबाइल बनाती थीं, आज 300 यूनिट्स कार्यरत हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स का उत्पादन 1.9 लाख करोड़ से बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। मोबाइल फोन का निर्यात 1,500 करोड़ से 2 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। यूपी इस क्रांति का केंद्र बन चुका है, जहां देश के आधे से अधिक मोबाइल फोन का उत्पादन होता है। यह नीति यूपी को आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी, साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगी। यह नीति न केवल यूपी को एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाएगी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर यूपी की आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करेगी।

नीति के अंतर्गत 5,000 करोड़ रुपए का अनुमानित व्यय होगा, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के लाखों अवसर सृजित होंगे। यह कदम यूपी को निवेश का पसंदीदा गंतव्य बनाने और औद्योगिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण साबित होगा। कैबिनेट ने पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे के लिए विभाजन विलेख पर स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस को अधिकतम 5,000 रुपए तक सीमित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। वर्तमान में विभाजन विलेख पर 4 प्रतिशत स्टांप शुल्क और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस लागू है, जो संपत्ति के मूल्य पर आधारित है। इसकी वजह से लोग बंटवारा विलेख रजिस्टर कराने से हिचकते हैं, जिससे दीवानी और राजस्व न्यायालयों में मुकदमों की संख्या बढ़ रही है। नई व्यवस्था से पारिवारिक विवाद कम होंगे और संपत्ति का सौहार्दपूर्ण बंटवारा संभव होगा।

इससे राजस्व विभाग के खतौनी/अधिकार अभिलेख अद्यतन होंगे और संपत्ति बाजार में आसानी से उपलब्ध होगी। हालांकि, इस छूट से अनुमानित 5.58 करोड़ रुपए का स्टांप शुल्क और 80.67 लाख रुपए का रजिस्ट्रेशन शुल्क राजस्व नुकसान हो सकता है, लेकिन रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ने से दीर्घकाल में राजस्व में वृद्धि होगी। तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में ऐसी व्यवस्था पहले से लागू है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

Point of View

बल्कि यह देश के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। जब राज्य वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में कदम बढ़ाता है, तो यह आत्मनिर्भरता और विकास के नए द्वार खोलेगा।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025 क्या है?
यह नीति उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाने के लिए बनाई गई है, जिसके तहत 11 इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट्स का निर्माण होगा।
इस नीति से कितने रोजगार के अवसर सृजित होंगे?
इस नीति के तहत लाखों रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है।
क्या यह नीति केवल इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए है?
जी हां, यह नीति विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट्स के निर्माण को प्रोत्साहित करती है।
इस नीति का कार्यान्वयन किसके द्वारा किया जाएगा?
नीति का कार्यान्वयन शासन स्तर पर गठित नीति कार्यान्वयन इकाई और नोडल संस्था द्वारा किया जाएगा।
क्या इस नीति से निवेश बढ़ेगा?
हां, इस नीति के तहत 5,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करने की योजना है।