क्या लेबर कोड श्रमिकों को सशक्त बनाएंगे और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देंगे?

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क्या लेबर कोड श्रमिकों को सशक्त बनाएंगे और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देंगे?

सारांश

भारत में चार श्रम संहिताओं के लागू होने से श्रमिकों को सशक्त बनाने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह ऐतिहासिक निर्णय नारी और युवा शक्ति को नए अवसर प्रदान करेगा।

Key Takeaways

  • श्रमिकों को सशक्त बनाना
  • ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देना
  • सुरक्षित कार्यस्थल
  • महिलाओं के लिए समान वेतन
  • युवाओं के लिए रोजगार के अवसर

नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उद्योग की प्रमुख संस्था नैसकॉम और केंद्रीय मंत्रियों ने शुक्रवार को भारत में चार श्रम संहिताओं को लागू करने के केंद्र के निर्णय की सराहना की। केंद्रीय मंत्रियों ने इस ऐतिहासिक निर्णय को सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्र के इस कदम को श्रम सुधारों का एक नया अध्याय बताया।

उन्होंने एक्स पर लिखा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में आज सरकार द्वारा लागू किए गए 4 लेबर कोड श्रमिकों को सशक्त बनाने, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने और सुरक्षित व सम्मानजनक कार्यस्थल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।"

केंद्रीय मंत्री गोयल ने आगे कहा कि ये सुधार नारी शक्ति से लेकर युवा शक्ति को नए अवसर देने के साथ ही 'विकसित भारत' के संकल्प को गति देंगे।

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि यह सुधार केवल बदलाव नहीं बल्कि पीएम मोदी द्वारा श्रमवीरों के कल्याण के लिए लिया गया एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने एक्स पर देश में नई श्रम संहिताएं लागू होने के साथ सुधारों की जानकारी दी।

केंद्रीय मंत्री मांडविया ने लिखा, "सभी कामगारों को समय पर न्यूनतम वेतन की गारंटी, युवाओं को नियुक्ति पत्र की गारंटी, 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी, महिलाओं को समान वेतन और सम्मान की गारंटी, फिक्स टर्म एम्प्लॉईज को एक वर्ष बाद ग्रेच्युटी की गारंटी, ओवरटाइम करने पर दुगने वेतन की गारंटी, जोखिम-भरे क्षेत्रों के कामगारों को 100 प्रतिशत हेल्थ सिक्योरिटी की गारंटी, इंटरनेशनल मानकों के मुताबिक श्रमिकों को सामाजिक न्याय की गारंटी और 40 वर्ष से अधिक आयु वाले श्रमिकों को सालाना मुफ्त हेल्थ चेक-अप की गारंटी जैसे नियम पेश किए गए हैं।"

उन्होंने एक्स पर कहा कि ये नए श्रम सुधार 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को नई गति प्रदान करेंगे।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नए श्रम सुधारों को 'विकसित भारत' का आधार स्तंभ बताया।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने एक्स पर लिखा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में नए श्रम सुधार विकसित भारत के आधार स्तंभ हैं और श्रमिकों के जीवन में बड़े बदलाव लाने के साथ ही विकसित भारत की यात्रा को गति प्रदान करेंगे।"

नैसकॉम ने लेबर कोड को लेकर कहा कि सरकार का यह कदम भारत के श्रम ढांचे को आधुनिक बनाने की कोशिशों में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

नैसकॉम ने कहा, "बिजनेस लीडर्स के लिए इसका मतलब है कि नए ढांचे में बदलाव संरचित और क्रमबद्ध होगा और हम एक आसान बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं।"

उद्योग की प्रमुख संस्था ने कहा कि आर्थिक दृष्टिकोन से ये कोड सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाते हैं, कार्यस्थल पर सुरक्षा-स्वास्थ्य को मजबूत करते हैं और वेतन और नौकरी की शर्तों को स्पष्टता से दर्शाते हैं।

Point of View

भारत में श्रम सुधारों का यह कदम श्रमिकों के अधिकारों और कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा बल्कि कामकाजी लोगों के जीवन में भी सुधार लाएगा।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

लेबर कोड क्या हैं?
लेबर कोड चार श्रम संहिताओं का समूह है जो श्रमिकों के अधिकारों को सुरक्षित करता है।
इन सुधारों का उद्देश्य क्या है?
इन सुधारों का उद्देश्य श्रमिकों को सशक्त बनाना और कार्यस्थल पर सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना है।
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