क्या लक्ष्मी मित्तल का सफर कॉमन मैन से ग्लोबल स्टील किंग बनने का है?

सारांश
Key Takeaways
- लक्ष्मी मित्तल का सफर प्रेरणादायक है।
- साधारण व्यक्ति से ग्लोबल स्टील किंग बनने की कहानी।
- उन्हें कई अवॉर्ड मिले हैं।
- आर्सेलर मित्तल की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान।
- परोपकारिता में भी सक्रिय भूमिका।
नई दिल्ली, 14 जून (राष्ट्र प्रेस)। जब भी स्टील उद्योग की चर्चा होती है, सबसे पहले जिन नामों का जिक्र किया जाता है उनमें लक्ष्मी निवास मित्तल का नाम प्रमुखता से आता है। एक साधारण परिवार से आए मित्तल, जिन्होंने अपनी जीवन की शुरुआत एक ट्रेनिंग के रूप में स्टील मिल में की थी, आज स्टील किंग के नाम से विश्वभर में जाने जाते हैं। भारत में जन्मे और शिक्षा प्राप्त करने के बाद, मित्तल अब अपने परिवार के साथ यूनाइटेड किंगडम में निवास करते हैं।
मित्तल का 75वां जन्मदिन 15 जून को है। आइए जानें, उनके कॉमन मैन से ग्लोबल स्टील किंग बनने की प्रेरणादायक यात्रा...
लक्ष्मी निवास मित्तल का जन्म 1950 में राजस्थान के सादुलपुर में हुआ। 1960 के दशक में उनका परिवार कोलकाता चला गया, जहां उनके पिता ने स्टील मिल चलाई। मित्तल ने सेंट जेवियर्स कॉलेज में विज्ञान की पढ़ाई करते हुए मिल में काम किया और स्नातक के बाद ट्रेनी के रूप में अपनी यात्रा शुरू की।
1976 में, मित्तल इंडोनेशिया गए और एक छोटी स्टील कंपनी स्थापित की, जो आज आर्सेलर मित्तल के नाम से विश्व की दूसरी सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी है।
2004 में मित्तल स्टील की स्थापना उस समय हुई जब इस्पात इंटरनेशनल और एलएनएम होल्डिंग्स का मर्जर हुआ। इसके बाद, 2006 में मित्तल स्टील ने आर्सेलर के साथ विलय के लिए बोली लगाई, जिससे आर्सेलर मित्तल का उदय हुआ।
मित्तल को उनके स्टील डेवलपमेंट के योगदान के लिए कई पुरस्कार भी मिले हैं। 1996 में उन्हें न्यू स्टील द्वारा 'स्टीलमेकर ऑफ द ईयर' और 1998 में वर्ल्ड स्टील डायनेमिक्स द्वारा 'विली कोर्फ स्टील विजन अवार्ड' से सम्मानित किया गया। 2004 में उन्हें फॉर्च्यून पत्रिका के 'यूरोपियन बिजनेसमैन ऑफ द ईयर' और संडे टाइम्स द्वारा 'बिजनेस पर्सन ऑफ द ईयर' नामित किया गया। 2006 में फाइनेंशियल टाइम्स द्वारा उन्हें 'पर्सन ऑफ द ईयर' का खिताब भी मिला।
जनवरी 2008 में, मित्तल को भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
आज मित्तल एक विश्व प्रसिद्ध व्यवसायी के रूप में जाने जाते हैं और विभिन्न सलाहकार परिषदों में सक्रिय हैं। वे शिक्षा और बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में परोपकारिता के लिए भी जाने जाते हैं। आर्सेलर मित्तल में अपनी भूमिका के अलवा, वे विभिन्न बोर्डों और सलाहकार परिषदों के सदस्य रहे हैं।
फरवरी 2021 में, लक्ष्मी एन. मित्तल ने आर्सेलर मित्तल के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला। इससे पहले, वे कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे।