क्या चालू वित्त वर्ष में निजी डिफेंस कंपनियों की आय में 18 प्रतिशत की वृद्धि संभव है?

सारांश
Key Takeaways
- निजी डिफेंस कंपनियों की आय में 16-18 प्रतिशत वृद्धि की संभावना।
- घरेलू मांग का मजबूत होना इस वृद्धि का मुख्य कारण।
- सरकार के नीतिगत कदमों ने निजी निवेश को आकर्षित किया है।
- कंपनियों की बैलेंस शीट स्वस्थ बनी हुई है।
- आगामी वित्तीय वर्ष के अंत तक कुल ऑर्डर बुक 55,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान।
मुंबई, 23 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चालू वित्त वर्ष में निजी डिफेंस कंपनियों की आय में 16-18 प्रतिशत का इजाफा देखा जा सकता है। इसकी प्रमुख वजह घरेलू मांग का मजबूत होना है। यह जानकारी मंगलवार को एक रिपोर्ट में सामने आई।
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि वित्त वर्ष 22 से 25 के बीच 20 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के बाद हो रही है। इस वृद्धि को गति सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण नीतिगत कदमों से मिली है, जिसने बड़े पैमाने पर निजी निवेश को आकर्षित किया है। अनुसंधान एवं विकास और पूंजीगत व्यय में निवेश ने कंपनियों की क्षमताओं को मजबूत किया है, जिससे उन्हें बड़े ऑर्डर प्राप्त करने में मदद मिली है। परिचालन मार्जिन 18-19 प्रतिशत के दायरे में रहने के साथ मुनाफा स्थिर बना हुआ है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में इक्विटी निवेश के बावजूद, बैलेंस शीट स्वस्थ बनी हुई है।
यह विश्लेषण क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा रेटिंग प्राप्त 25 से अधिक निजी रक्षा कंपनियों के आंकड़ों पर आधारित है, जो मिलकर उद्योग के राजस्व का लगभग आधा योगदान करती हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की डिफेंस इंडस्ट्री में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का दबदबा है, लेकिन निजी कंपनियों का राजस्व हिस्सा बढ़ रहा है। उन्हें सरकार के मजबूत प्रोत्साहनों का लाभ मिल रहा है, जो भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और बढ़ते सैन्य खर्च के कारण है।
इसके परिणामस्वरूप, आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों और निजी इक्विटी निवेश के माध्यम से निजी डिफेंस कंपनियों को पूंजी प्रवाह आकर्षित हुआ है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक कुल ऑर्डर बुक लगभग 55,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है, जो वित्तीय वर्ष 24 के अंत तक 40,000 करोड़ रुपए थी।