क्या डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति में गिरावट भारत के आर्थिक विकास के लिए शुभ संकेत है?

सारांश
Key Takeaways
- डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में कमी का अर्थ है उत्पादन की लागत में गिरावट।
- भू-राजनीतिक तनाव का मुद्रास्फीति पर सीधा प्रभाव हो सकता है।
- खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट महंगाई को नियंत्रित कर सकती है।
- उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़े महंगाई में कमी का संकेत देते हैं।
- उम्मीद है कि डब्ल्यूपीआई खाद्य मुद्रास्फीति में और गिरावट होगी।
नई दिल्ली, १६ जून (राष्ट्र प्रेस)। अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को बताया कि दिसंबर २०२४ से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति में लगातार कमी भारत में उच्च आर्थिक विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि यदि भू-राजनीतिक तनाव में कमी आती है, तो आने वाले महीनों में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति नरम बनी रह सकती है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर इस साल मई में ०.३९ प्रतिशत तक आ गई, जो पिछले १४ महीनों का सबसे निचला स्तर है। यह अप्रैल में ०.८५ प्रतिशत और मार्च में २.०५ प्रतिशत थी।
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि यह महंगाई में कमी मुख्य रूप से प्राथमिक वस्तुओं, फ्यूल एंड पावर के साथ-साथ मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की कीमतों में गिरावट के कारण हुई है।
उन्होंने कहा, "थोक मुद्रास्फीति में यह गिरावट बिजनेस सेंटीमेंट को बढ़ावा देगी क्योंकि इससे उत्पादन की लागत में कमी आएगी।"
अप्रैल से मई के बीच खाद्य वस्तुओं की कीमतों में -०.८६ प्रतिशत से -१.५६ प्रतिशत, पेट्रोल की कीमतों में ७.७० प्रतिशत से -८.४९ प्रतिशत और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की कीमतों में २.६२ प्रतिशत से २.०४ प्रतिशत की गिरावट ने थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति में नरमी लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
आईसीआरए के वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल अग्रवाल ने कहा कि अनुकूल आधार की मदद से थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति अप्रैल २०२५ के ०.९ प्रतिशत से मई २०२५ में ०.४ प्रतिशत तक पहुँच गई, जो आईसीआरए के इस महीने के अनुमान ०.७ प्रतिशत से कुछ कम है।
उन्होंने कहा, "यह गिरावट व्यापक स्तर पर थी, जिसमें फूड, नॉन-फूड मैन्युफैक्चरिंग, मिनरल्स और फ्यूल एंड पावर सेगमेंट ने इन महीनों के बीच हेडलाइन प्रिंट में गिरावट में योगदान दिया। डब्ल्यूपीआई खाद्य मुद्रास्फीति प्रिंट मई २०२५ में १.७ प्रतिशत तक गिर गई, जो कीमतों में धीमी क्रमिक वृद्धि के बीच १९ महीनों में सबसे कम है।"
उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जारी किए गए २२ खाद्य वस्तुओं में से २० ने मई की तुलना में १५ जून तक अपनी वार्षिक मुद्रास्फीति दर में कमी दर्ज की।
उन्होंने कहा, "इन रुझानों को देखते हुए, आईसीआरए को उम्मीद है कि डब्ल्यूपीआई-खाद्य मुद्रास्फीति मई २०२५ के १.७ प्रतिशत से जून २०२५ में और कम हो जाएगी।"