क्या बॉम्बे हाईकोर्ट खुद देखेगा फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी'?

Click to start listening
क्या बॉम्बे हाईकोर्ट खुद देखेगा फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी'?

सारांश

बॉम्बे हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बनी फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' की सुनवाई की। फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड और निर्माताओं में विवाद चल रहा है, और अब कोर्ट ने फिल्म देखने का फैसला लिया है। क्या यह फिल्म आजाद हो पाएगी?

Key Takeaways

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म देखने का निर्णय लिया है।
  • फिल्म में योगी आदित्यनाथ के जीवन की कहानी है।
  • सेंसर बोर्ड ने कई सीन पर आपत्ति जताई है।
  • निर्माताओं का मानना है कि फिल्म अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
  • फिल्म का निर्देशन रवींद्र गौतम ने किया है।

मुंबई, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। इस फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) और फिल्म के निर्माता आमने-सामने हैं, जिसके कारण अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वयं फिल्म देखने और निर्णय सुनाने का निर्णय लिया है।

फिल्म के निर्माता सम्राट सिनेमैटिक प्रोडक्शन हाउस ने दावा किया है कि उन्होंने 5 जून को फिल्म सर्टिफिकेट के लिए सेंसर बोर्ड में आवेदन किया था, लेकिन निर्धारित समय सीमा 15 दिन के भीतर सीबीएफसी ने कोई उत्तर नहीं दिया। इसके बाद, उन्होंने 3 जुलाई को 'प्राथमिकता योजना' के तहत तीन गुना फीस भरकर फिर से आवेदन किया। उन्हें 7 जुलाई को स्क्रीनिंग की तारीख मिली, लेकिन स्क्रीनिंग एक दिन पहले ही बिना कारण रद्द कर दी गई।

फिल्म के निर्माता और अभिनेता अजय मेंगी ने कहा, ''हमें नहीं पता कि फिल्म क्यों रोकी जा रही है। हमने पूरी मेहनत से फिल्म बनाई है, और इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। यह फिल्म 'द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर' किताब पर आधारित है। अगर योगी जी ने समाज के लिए काम किया है, तो उन पर फिल्म बननी ही चाहिए।''

उन्होंने आगे कहा, ''सीबीएफसी की एग्जामिनेशन कमेटी ने बिना कोई ठोस कारण बताए 29 सीन पर आपत्ति जताई। फिर, रिवाइजिंग कमेटी ने 8 आपत्तियां हटा दीं, लेकिन 21 को बरकरार रखा। इन 21 में से एक सीन में केवल 'सॉरी' कहा गया था, जिस पर सीबीएफसी ने पूछा कि इसमें सॉरी क्यों बोला गया है। ऐसी आपत्तियां पूरी तरह से असंगत हैं।''

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने कहा कि अब वह स्वयं फिल्म देखेगा और सोमवार को निर्णय सुनाएगा।

याचिका में फिल्म निर्माताओं ने एक गंभीर आरोप लगाया है कि सीबीएफसी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' लाने को कहा, जबकि कानून में इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है और एक फिल्म को रोकने का अवैध तरीका है।

निर्माताओं का कहना है कि यह फिल्म योगी आदित्यनाथ के निजी और राजनीतिक जीवन की एक प्रेरणादायक कहानी है, जिसे देश के लोगों तक पहुंचना चाहिए।

बता दें कि इस फिल्म का निर्देशन 'महारानी 2' के निर्देशक रवींद्र गौतम ने किया है। फिल्म में दिनेश लाल यादव (निरहुआ), अजय मेंगी, पवन मल्होत्रा, राजेश खट्टर, गरिमा विक्रांत सिंह, और सरवर आहूजा जैसे कलाकार महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं।

फिल्म हिंदी के अलावा तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम में भी रिलीज की जाएगी। मीत ब्रदर्स ने संगीत तैयार किया है और कहानी को दिलीप बच्चन झा और प्रियांक दुबे ने मिलकर लिखा है।

अब निर्माताओं की उम्मीदें सोमवार को आने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय से लगी हुई हैं।

Point of View

हम हमेशा स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकारों का समर्थन करते हैं। फिल्म पर उठाए गए सवालों का सही समाधान होना चाहिए ताकि किसी भी रचनात्मकता पर अंकुश न लगे। यह फिल्म योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित है और यह देखने की जरूरत है कि क्या यह समाज के लिए प्रेरणा देने वाली है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' में किसका जीवन दर्शाया गया है?
यह फिल्म उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म देखने का निर्णय क्यों लिया?
सेंसर बोर्ड और फिल्म निर्माताओं के बीच विवाद के कारण हाईकोर्ट ने स्वयं फिल्म देखने का निर्णय लिया।
फिल्म को सेंसर बोर्ड से क्यों रोका गया?
सीबीएफसी ने फिल्म के कुछ सीन पर आपत्ति जताई है, लेकिन निर्माता इसे असंगत मानते हैं।