क्या 'मां' से बेहतर कोई टाइटल हो सकता है? : काजोल

सारांश
Key Takeaways
- काजोल की फिल्म 'मां' एक नई हॉरर अनुभव प्रदान कर रही है।
- फिल्म का टाइटल 'मां' भावनात्मक गहराई को दर्शाता है।
- बॉलीवुड में हॉरर फिल्में कम बनती हैं, लेकिन यह फिल्म एक अपवाद है।
- फिल्म में इमोशन्स और थ्रिल का सही मिश्रण है।
- काजोल ने खुद को हॉरर फिल्म के लिए तैयार किया है।
नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रिय एक्ट्रेस काजोल की आने वाली फिल्म ‘मां’ अब जल्द ही सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली है। माइथोलॉजिकल-हॉरर शैली में कदम रखते हुए काजोल ने फिल्म के टाइटल की सराहना करते हुए कहा कि इस फिल्म के लिए ‘मां’ से उत्तम कोई नाम नहीं हो सकता।
काजोल ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा, ‘मां’ वह पहला शब्द है, जिसे बच्चे सबसे पहले बोलते हैं और महसूस करते हैं। बच्चे हमेशा अपनी मां की ओर मुड़ते हैं। मेरे लिए ‘मां’ का अर्थ देवी और मेरी मां तनुजा दोनों हैं।
उन्होंने साझा किया कि ‘मां’ फिल्म का वर्किंग टाइटल था, लेकिन इसे बनाते समय यह शब्द इतना गहरा लगा कि इससे बेहतर नाम संभव नहीं था।
काजोल ने कहा कि बॉलीवुड में हॉरर फिल्में कम बनती हैं। उन्होंने कहा, "बॉलीवुड में हॉरर फिल्में बहुत कम नजर आती हैं। 1970-80 के दशकों में रैमसे ब्रदर्स की डरावनी फिल्में बहुत प्रसिद्ध थीं, जिन्हें आज भी लोग याद करते हैं। फिर 2002 में ‘रहस्य’ जैसी हिट फिल्म आई, जिसने दर्शकों का ध्यान खींचा।"
उन्होंने आगे कहा, ‘मां’ एक हॉरर फिल्म है, लेकिन इसमें इमोशन्स भी हैं। यही कारण है कि मैंने इस फिल्म में कार्य करने का निर्णय लिया। यदि इसमें इतना मजबूत भावनात्मक आधार नहीं होता, तो मैं शायद इस फिल्म को हां नहीं कहती। यह केवल हॉरर नहीं, बल्कि माइथोलॉजिकल हॉरर है, जिसमें कल्चर और थ्रिलर का सही मिश्रण है।
काजोल ने कहा कि बॉलीवुड में बेहतरीन स्क्रिप्ट्स की आवश्यकता है। उन्होंने बताया, “हम सभी बेहतरीन कहानियों और मजबूत लेखन की दिशा में काम कर रहे हैं। ‘मां’ एक ऐसी कहानी है, जो दर्शकों को भावनात्मक और रोमांचक अनुभव प्रदान करेगी।”
यह हॉरर फिल्म ‘मां’ २७ जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।