क्या 500 रुपये से शुरू हुआ था सुनील ग्रोवर का सफर, आज कॉमेडी में बनाया खास मुकाम?

सारांश
Key Takeaways
- सुनील ग्रोवर का सफर संघर्ष और मेहनत की मिसाल है।
- उन्होंने 500 रुपये से शुरुआत की थी।
- बॉलीवुड में आने के बाद भी कई बार रिजेक्ट हुए।
- रेडियो शो से मिली पहचान ने उनके करियर को बदला।
- उनका किरदार 'गुत्थी' उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बना।
मुंबई, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हर चमकते चेहरे के पीछे एक संघर्ष की कहानी छिपी होती है। सुनील ग्रोवर ने अपनी ज़िंदगी में कड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता हासिल की है। आज वे डॉ. मशहूर गुलाटी, गुत्थी, और रिंकू भाभी जैसे यादगार किरदारों से करोड़ों लोगों को हंसाते हैं, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने का रास्ता इतना आसान नहीं था जितना उनकी कॉमिक टाइमिंग देखकर लगता है।
सुनील ग्रोवर की सफलता की कहानी एक ऐसे कलाकार की है जिसे अपने करियर के प्रारंभिक दिनों में बार-बार रिजेक्ट किया गया। फिर भी, उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
3 अगस्त 1977 को हरियाणा के सिरसा जिले के एक छोटे से कस्बे में जन्मे सुनील को बचपन से ही फिल्मों और एक्टिंग का शौक था। वह अक्सर अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान की फिल्में देखकर खुद को पर्दे पर देखने का सपना देखते थे। धीरे-धीरे उनका रुझान थिएटर की ओर बढ़ा और उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से थिएटर में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की। इस दौरान कॉमेडियन जसपाल भट्टी ने उन्हें 'गुटुर गु' जैसे प्रोजेक्ट्स में मौका दिया। 1998 में अजय देवगन की फिल्म 'प्यार तो होना ही था' में छोटे रोल के साथ उन्होंने फिल्मों में कदम रखा।
हालांकि, बॉलीवुड में प्रारंभिक दिनों में उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिली। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जब वे मुंबई आए, तो पॉश इलाके में घर किराए पर लिया, क्योंकि उन्हें खुद पर विश्वास था कि वे एक दिन सफल होंगे। शुरुआती दिनों में उन्हें वॉयस ओवर या इवेंट्स के जरिए 500 रुपये मिलते थे।
सुनील ने टीवी शो में छोटे रोल्स के लिए ऑडिशन देने शुरू किए। उन्होंने कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। किसी शो में उनकी जगह कोई और ले लिया गया और किसी में स्क्रीन टेस्ट पास करने के बावजूद उन्हें अंतिम समय में रिप्लेस कर दिया गया। यह सिलसिला जारी रहा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि एक टीवी शो के लिए वे सिलेक्ट हुए थे, लेकिन सेट पर समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण प्रोड्यूसर ने उन्हें निकाल दिया। उस दिन उन्हें अहसास हुआ, 'मुंबई में मेरे जैसे हजारों लोग हैं, लेकिन टिकता वही है जो गिरने के बाद उठता है।'
इस दौरान सुनील ने रेडियो का रुख किया। रेडियो मिर्ची पर 'हंसी के फव्वारे' नामक शो में 'सूद' किरदार से उन्होंने श्रोताओं का दिल जीता। शो इतनी लोकप्रियता हासिल करने लगा कि यह दिल्ली से चलकर देशभर में प्रसारित होने लगा। यही वो मोड़ था जहां से उनकी किस्मत ने कर्वट ली। इसके बाद टीवी पर वापसी हुई और उन्हें 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' में 'गुत्थी' का रोल मिला, जो उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बन गया। गुत्थी के बाद उन्होंने डॉ. मशहूर गुलाटी, रिंकू भाभी जैसे कई किरदार निभाए, जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं। हालांकि, कपिल शर्मा के साथ विवाद के बाद उन्होंने शो छोड़ दिया, लेकिन उनकी लोकप्रियता पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
फिल्मों में भी सुनील ने कई तरह की भूमिकाएं निभाईं, जिनमें 'गब्बर इज बैक', 'बागी', 'भारत' और 'जवान' जैसी सफल फिल्में शामिल हैं। उन्होंने वेब सीरीज में भी अपनी किस्मत आजमायी, 'तांडव' और 'सनफ्लावर' जैसी सीरीज में काम किया।
शुरुआत में सुनील ग्रोवर को भले ही बार-बार रिजेक्शन, आर्थिक तंगी और असफलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत, जज़्बा और टैलेंट ने उन्हें इंडस्ट्री में एक मजबूत पहचान दिलाई।