क्या एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मलेरिया के खिलाफ लड़ाई के लिए तत्काल कार्रवाई और एकजुटता की आवश्यकता है?

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क्या एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मलेरिया के खिलाफ लड़ाई के लिए तत्काल कार्रवाई और एकजुटता की आवश्यकता है?

सारांश

बाली में मलेरिया के खिलाफ एक नई पहल की शुरुआत हुई है। क्या यह पहल मलेरिया उन्मूलन के लिए आवश्यक सहयोग और प्रतिबद्धता को बढ़ावा देगी? जानें इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन के बारे में।

Key Takeaways

  • मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो मच्छरों से फैलती है।
  • बाली में मलेरिया उन्मूलन के लिए नई पहल की गई है।
  • एकजुटता और सहयोग की आवश्यकता है।
  • मलेरिया नियंत्रण के लिए तकनीकी नवाचार महत्वपूर्ण हैं।
  • बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सुरक्षा की जरूरत है।

बाली, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। इंडोनेशिया के बाली में मलेरिया उन्मूलन के लिए एक नई पहल "इंडोनेशिया कॉल टू एंड मलेरिया इनिशिएटिव" की शुरुआत की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य मलेरिया उन्मूलन के लिए सरकारी नेतृत्व और समन्वय को मजबूत करना है।

एशिया पैसिफिक लीडर्स मलेरिया अलायंस के सीईओ सार्थक दास ने मंगलवार को कहा, "समय हमारे पास सबसे कीमती वस्तु है। वैश्विक स्वास्थ्य परिदृश्य में असाधारण संघर्ष, संकुचन और अराजकता के इस समय में, हमें अगर किसी चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है तो वह है सहयोग और प्रतिबद्धता।"

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक स्तर पर मलेरिया के 260 मिलियन से अधिक मामले दर्ज किए हैं, जिनमें 6,00,000 से अधिक मौतें हुई हैं, जिनमें से तीन-चौथाई पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं।

पहले दिन अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ एक तकनीकी सत्र आयोजित किया गया, जिसमें मलेरिया नियंत्रण और उन्मूलन की नवीनतम जानकारियों, नवाचारों और रणनीतियों पर चर्चा हुई, साथ ही सीमाओं, क्षेत्रों और समुदायों के बीच एकजुटता के महत्व पर भी जोर दिया गया।

ग्लोबल फंड के कार्यकारी निदेशक पीटर सैंड्स ने प्रौद्योगिकी और चिकित्सा नवाचार में बढ़ती वैश्विक क्षमताओं के अनुरूप मलेरिया से निपटने में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने इस शिखर सम्मेलन के महत्व को ऐसे समय में रेखांकित किया जब देश और क्षेत्र मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में भारी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "हम ऐसे दौर में हैं, जहां या तो हम पिछले एक या दो दशक में हुई शानदार प्रगति को जारी रख सकते हैं, या फिर खुद को पीछे की ओर जाते हुए देख सकते हैं।"

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो मच्छरों से इंसानों में फैलती जा रही है। यह ज्यादातर भूमध्य रेखा के देशों में पाई जाती है। इसे रोका जा सकता है और इसका इलाज भी संभव है।

इसके लक्षण हल्के या जानलेवा हो सकते हैं। हल्के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द शामिल हैं। गंभीर लक्षणों में थकान, भ्रम, दौरे और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या शामिल हो सकती है।

उन्होंने आगे बताया कि मच्छर की वजह से छोटे यानी 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और लड़कियों, यात्रियों तथा एचआईवी या एड्स से पीड़ित लोगों को गंभीर संक्रमण होने का खतरा हो सकता है।

मच्छरों के काटने से बचाव कर और दवाइयों के जरिए मलेरिया को रोका जा सकता है। मलेरिया ज्यादातर संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से फैलता है।

रक्त आधान और दूषित सुई भी मलेरिया फैला सकती है। शुरुआती लक्षण हल्के हो सकते हैं, कई ज्वर संबंधी बीमारियों के समान, और मलेरिया के रूप में पहचानना मुश्किल हो सकता है। अगर इलाज न किया जाए, तो पी. फाल्सीपेरम मलेरिया 24 घंटे के भीतर गंभीर बीमारी और मौत का रूप ले सकता है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि मलेरिया जैसे स्वास्थ्य संकट के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता और प्रभावी नेतृत्व अत्यंत आवश्यक है। यह समय है जब हम सभी को मिलकर इस चुनौती का सामना करना चाहिए।
NationPress
19/06/2025