क्या महिलाओं में कैल्शियम की कमी एक बड़ी समस्या बन रही है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा है?

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क्या महिलाओं में कैल्शियम की कमी एक बड़ी समस्या बन रही है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा है?

सारांश

महिलाओं की बढ़ती जिम्मेदारियों के बीच, उनकी स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी है। 30 की उम्र के बाद कैल्शियम की कमी के गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। जानें इस समस्या की जड़ें और समाधान।

Key Takeaways

  • कैल्शियम का सेवन हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक है।
  • 30 साल की उम्र के बाद कैल्शियम की कमी तेजी से होती है।
  • अनियमित खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी से कैल्शियम की कमी हो सकती है।
  • कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
  • डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी और कैल्शियम के सप्लीमेंट्स लें।

नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। घर की जिम्मेदारियों और नौकरी की दौड़ में आज की महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी हैं। बच्चों की देखभाल, बुजुर्गों की सेवा, ऑफिस का दबाव और अन्य कार्यों की लंबी सूची के बीच, महिलाएं अक्सर अपनी स्वास्थ्य का ध्यान रखना भूल जाती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि 30 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं में कैल्शियम की कमी तेजी से बढ़ रही है। कैल्शियम हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है, बल्कि दिल की धड़कन, नसों का कार्य और मांसपेशियों की मजबूती के लिए भी आवश्यक है। लेकिन जब महिलाएं कैल्शियम की कमी पर ध्यान देती हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है।

अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, यदि समय पर महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा नहीं किया गया, तो कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसका सबसे अधिक प्रभाव हड्डियों पर पड़ता है। हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं और थकान हमेशा बनी रहती है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी हो सकती है, जिसमें हड्डियाँ अत्यधिक कमजोर हो जाती हैं और हल्की चोट से भी फ्रैक्चर हो सकता है।

विज्ञानिक अनुसंधान में महिलाओं में कैल्शियम की कमी के कई कारणों का पता चला है। सबसे प्रमुख कारण है उम्र बढ़ने के साथ हार्मोनल बदलाव। खासकर मेनोपॉज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, जो हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक होता है।

इसके अलावा, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान महिलाएं अपने शरीर में जमा कैल्शियम का अधिक उपयोग करती हैं, जिससे कमी हो सकती है। यदि इस दौरान कैल्शियम युक्त आहार नहीं लिया गया तो समस्याएं बढ़ सकती हैं।

अनियमित खानपान भी कैल्शियम की कमी का एक बड़ा कारण है। दूध, दही, हरी सब्जियां और अन्य आवश्यक खाद्य पदार्थों का सेवन न करने से कैल्शियम का स्तर गिरता है। आजकल की जीवनशैली में अधिकांश कार्य बैठे-बैठे होते हैं, जिससे शारीरिक गतिविधियों की कमी हड्डियों की मजबूती को प्रभावित करती है।

कैल्शियम की कमी के कुछ सामान्य लक्षण हैं, जैसे कि हड्डियों और जोड़ों में लगातार दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव या ऐंठन, दांतों का कमजोर होना और हर समय थकान महसूस करना। ये सभी संकेत हैं कि शरीर को कैल्शियम की आवश्यकता है।

महिलाओं को कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए अपनी डाइट में कुछ विशेष चीजें शामिल करनी चाहिए, जैसे कि दूध, दही, पनीर और छाछ जैसे डेयरी उत्पाद लेना चाहिए, क्योंकि ये कैल्शियम के अच्छे स्रोत होते हैं। इसके अलावा, पालक, मेथी, बथुआ और सरसों का साग जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां भी कैल्शियम से भरपूर होती हैं। बादाम, अंजीर, तिल और अलसी जैसे सूखे मेवे और बीज भी हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम और विटामिन डी के सप्लीमेंट भी लिए जा सकते हैं।

कुछ आसान आदतें भी हैं जो कैल्शियम की कमी से बचने में मदद कर सकती हैं, जैसे कि रोजाना करीब 15 मिनट धूप में बैठना, ताकि शरीर को विटामिन डी मिल सके। विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है। साथ ही नियमित योग भी हड्डियों की मजबूती को बनाए रखता है। यदि डाइट में नियमित रूप से कैल्शियम और प्रोटीन शामिल किया जाए, तो महिलाओं की हड्डियाँ लंबे समय तक मजबूत रह सकती हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं समाज की जिम्मेदारी हैं। हमें चाहिए कि हम जागरूकता फैलाएं और महिलाओं को सही जानकारी दें, ताकि वे अपनी सेहत को प्राथमिकता दें।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण क्या हैं?
महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षणों में हड्डियों और जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, दांतों का कमजोर होना और थकान शामिल हैं।
कैल्शियम की कमी को कैसे पूरा किया जा सकता है?
कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां और सूखे मेवे का सेवन करें।
क्या विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है?
हाँ, विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कैल्शियम की कमी से कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं?
कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं।
महिलाओं को कितनी कैल्शियम की आवश्यकता होती है?
महिलाओं को प्रतिदिन लगभग 1000 से 1300 मिग्रा कैल्शियम की आवश्यकता होती है।