क्या ओडिशा सरकार ने राज्यव्यापी 'डायरिया रोको' मुहिम शुरू की?

सारांश
Key Takeaways
- डायरिया रोकने के लिए जागरूकता जरूरी है।
- स्वच्छता आदतें अपनाना स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- सरकार ने आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की है।
- हाथ धोने और ताजा भोजन खाने पर जोर दिया गया है।
- स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है।
भुवनेश्वर, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा में डायरिया के मामलों में बढ़ोतरी के बीच, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री मुकेश महालिंग ने सोमवार को राज्यव्यापी 'डायरिया रोको' अभियान का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम ढेंकनाल जिले के भुबन स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुरू किया गया।
महालिंग ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व में ओडिशा सरकार ने राज्य में डायरिया की रोकथाम और उपचार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसके लिए उन्नत उपचार, दवाएं और जरूरी बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जा रहा है।
सरकार ने डायरिया के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की योजना बनाई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दस्त संबंधी बीमारियों की रोकथाम हेतु स्वच्छता जैसे हाथ धोना, ताजा भोजन करना, साफ पानी पीना, पानी के स्रोतों को शुद्ध रखना और खुले में शौच से बचने की सलाह दी।
उन्होंने बताया कि 31 जुलाई तक चलने वाले कार्यक्रम के तहत राज्यभर के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों, अस्पतालों और आरोग्य मंदिरों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैकेट, जिंक की गोलियां और अन्य दवाइयां उपलब्ध कराई गई हैं।
जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एएनएम को पहले ही डायरिया रोग की पहचान और इसके उपचार के बारे में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। महालिंग ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में प्रत्येक घर का दौरा करें और जागरूकता संदेश, ओआरएस, जिंक की गोलियां और दवाइयां वितरित करें।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के निर्देशों का पालन करें। इस बीच, जाजपुर जिले में डायरिया के प्रकोप की जांच कर रही केंद्रीय टीम ने पुष्टि की है कि यह प्रकोप हैजा वाइब्रियो के कारण हुआ था।
जाजपुर जिले के विभिन्न अस्पतालों में 15 जून तक डायरिया के 1,516 रोगियों को भर्ती कराया गया था। इनमें से 1,306 ठीक हो चुके हैं जबकि 210 का इलाज अभी भी जाजपुर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।