क्या पादाभ्यंग मन, इंद्री और आत्मा को संतुलित करता है? जानें किस तेल से मिलेंगे कितने लाभ
सारांश
Key Takeaways
- पादाभ्यंग से तनाव में कमी आती है।
- तिल का तेल वात दोष को कम करता है।
- गाय का घी आंखों की रोशनी बढ़ाता है।
- सरसों का तेल सर्दियों में फायदेमंद होता है।
- पादाभ्यंग से रक्त संचार में सुधार होता है।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिनभर की थकान से राहत पाने के लिए कई उपाय मौजूद हैं, लेकिन आयुर्वेद में पादाभ्यंग (तलवों की मालिश) को सबसे सरल और प्रभावी तरीका माना गया है।
पादाभ्यंग करने से पूरा शरीर लाभान्वित होता है और गहरी नींद आती है। यह तनाव को कम करता है और थकान को चंद क्षणों में दूर कर देता है, लेकिन बहुत कम लोग ही पादाभ्यंग करने के सही तरीकों से परिचित हैं। पादाभ्यंग के लिए उपयुक्त तेलों का चयन भी आवश्यक है।
आयुर्वेद में पादाभ्यंग को तनाव का शत्रु माना गया है, क्योंकि यह मस्तिष्क से लेकर पैरों की नसों को आराम प्रदान करता है। पादाभ्यंग से तंत्रिका तंत्र शांत होता है, जिससे मन और शरीर दोनों को विश्राम मिलता है। पादाभ्यंग के लिए देसी घी और हर्बल तेल का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन कुछ सामान्य तेल जैसे तिल का तेल भी प्रभावी हो सकते हैं।
तिल के तेल की तासीर गर्म होती है और सर्दियों में इसका उपयोग करने से कई लाभ मिलते हैं। यह वात दोष को कम करता है और जोड़ों तथा नसों को मजबूती प्रदान करता है। खास बात यह है कि तिल के तेल से सर्दियों में होने वाली जकड़न कम होती है। नारियल के तेल से पादाभ्यंग करना भी फायदेमंद है। हालांकि, इसे गर्मियों में उपयोग करना चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। इससे गर्मी कम लगती है, पैर में ठंडक महसूस होती है, और त्वचा को नमी मिलती है।
गाय के घी से पादाभ्यंग करने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है। यदि इसे बच्चों और बुजुर्गों के तलवों पर किया जाए, तो यह आंखों की रोशनी को तीव्रता प्रदान करता है। यह मस्तिष्क और मन को भी शांति देता है और त्वचा को कोमल बनाता है। इसके अतिरिक्त, सरसों के तेल का उपयोग भी सर्दियों में लाभकारी होता है, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। यह शरीर को गर्म रखता है और शीत हवाओं से बचाता है। पादाभ्यंग से पैरों में रक्त संचार बेहतर होता है, जो मस्तिष्क को भी आराम देता है।
सर्दियों में, जैतून के तेल से तलवों की मालिश करना भी फायदेमंद है। यह मांसपेशियों के तनाव को कम करता है और पैरों की थकान को दूर करता है।