क्या है शरीर को रिलैक्स और रिचार्ज करने का सरल योगासन?

सारांश
Key Takeaways
- शवासन शरीर को रिलैक्स और रिचार्ज करता है।
- यह तनाव और चिंता को कम करता है।
- शवासन से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
- यह हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
- शवासन का नियमित अभ्यास मानसिक शांति प्रदान करता है।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने का एक प्रभावी माध्यम है। नियमित योगाभ्यास न केवल विभिन्न रोगों से सुरक्षा करता है, बल्कि तनाव और थकान को भी समाप्त करता है। इनमें से एक विशेष योगासन है शवासन, जो शरीर और मन को शांति प्रदान करता है। यह एक सरल योगासन है जो शरीर को रिलैक्स और रिचार्ज करता है।
आमतौर पर योग के अंत में किया जाने वाला यह आसन शरीर को रिलैक्स और रिचार्ज करने में सहायता करता है।
शवासन, जिसे कॉर्प्स पोज भी कहा जाता है, एक विश्राम आसन है। संस्कृत में 'शव' का अर्थ मृत शरीर और 'आसन' का अर्थ मुद्रा होता है। इस आसन में व्यक्ति शांत और स्थिर अवस्था में लेटकर शरीर और मन को पूर्ण विश्राम देता है। यह योग का सबसे सरल लेकिन प्रभावी आसन माना जाता है, जो तनाव, चिंता और थकान को कम करता है।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय बताता है कि शवासन का अभ्यास कैसे करें। इसके लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें। योगा मैट बिछाएं और पीठ के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को शरीर से थोड़ा दूर, हथेलियां ऊपर की ओर रखें। पैरों को थोड़ा फैलाएं। आंखें बंद करें और गहरी, सामान्य सांस लें। प्रत्येक सांस के साथ शरीर को और अधिक रिलैक्स महसूस करें। इस दौरान ध्यान केंद्रित करें। मन को शांत रखें और बाहरी विचारों से ध्यान हटाएं।
एक्सपर्ट बताते हैं कि 5-10 मिनट तक इस अवस्था में रहने के बाद फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आना चाहिए।
शवासन के अभ्यास से कई लाभ होते हैं। यह आसन तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। यह नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है और अनिद्रा की समस्या को दूर करता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। शवासन मस्तिष्क को शांत कर एकाग्रता बढ़ाता है। इसके नियमित अभ्यास से मांसपेशियों में तनाव कम होता है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
शवासन का नियमित अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता है। शवासन भले ही एक सरल आसन है, लेकिन एक्सपर्ट इसके अभ्यास में भी सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं। शवासन के दौरान नींद में न जाएं, क्योंकि इसका उद्देश्य सचेतन विश्राम है। गर्भवती महिलाएं या कमर दर्द से पीड़ित लोग इसे करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।