क्या ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद फ्रांस की चिंता उचित है?

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क्या ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद फ्रांस की चिंता उचित है?

सारांश

फ्रांस ने ईरान में अमेरिकी हवाई हमलों के बाद अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। इस संकट में संयम बरतने की अपील करते हुए, फ्रांस ने युद्ध के संभावित विस्तार को रोकने का आह्वान किया है। राष्ट्रपति मैक्रों ने आपात बैठक बुलाई है, जिससे स्थिति की गंभीरता का पता चलता है।

Key Takeaways

  • फ्रांस ने अमेरिका के हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
  • संयम बरतने की अपील की गई है।
  • ईरान-इजरायल संघर्ष से क्षेत्र में संकट बढ़ सकता है।
  • संवाद और समझौते से ही स्थायी समाधान संभव है।
  • राष्ट्रपति मैक्रों ने आपात बैठक बुलाई है।

पेरिस, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान में तीन परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद फ्रांस ने गहरी चिंता व्यक्त की है। फ्रांस ने रविवार को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि "इन हमलों में न तो वह शामिल था और न ही इसकी कोई योजना का हिस्सा रहा।"

फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका, ईरान और इजरायल से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को फैलने से रोकना अत्यंत आवश्यक है।

मंत्रालय ने कहा कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का युद्ध व्यापक संकट को जन्म दे सकता है।

बयान में कहा गया कि ईरान-इजरायल संघर्ष को देखते हुए फ्रांस की प्राथमिकता अपने नागरिकों, अधिकारियों और मध्य पूर्व में मौजूद फ्रांसीसी साझेदारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

फ्रांस ने एक बार फिर दोहराया कि वह ईरान द्वारा परमाणु हथियार प्राप्त करने के सख्त खिलाफ है। बयान में कहा गया कि इस संकट का स्थायी समाधान केवल परमाणु अप्रसार संधि के ढांचे के तहत संवाद और समझौते से ही संभव है।

फ्रांस ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) द्वारा जारी उस रिपोर्ट का संज्ञान लिया है जिसमें कहा गया है कि अब तक ईरान में अमेरिकी हमलों के बाद किसी भी स्थान पर रेडिएशन का खतरनाक स्तर नहीं पाया गया है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हालात की गंभीरता को देखते हुए आपात रक्षा कैबिनेट बैठक बुलाने की घोषणा की है। उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान समेत कई क्षेत्रीय और यूरोपीय नेताओं से बात की और आगे भी उच्चस्तरीय वार्ताओं की योजना है।

इससे पहले रविवार सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों फोर्डो, नतांज और इस्फाहान पर हमले किए हैं। ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि ईरान ने इजरायल के खिलाफ अपना रवैया नहीं बदला, तो "आने वाले दिनों में और भी सटीक और घातक हमले किए जाएंगे।"

ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह जारी नहीं रह सकता। या तो अब शांति होगी या ईरान के लिए एक बड़ी त्रासदी।”

उन्होंने यह भी कहा कि इन हमलों का मकसद ईरान की परमाणु क्षमता को पंगु बनाना और दुनिया के 'सबसे बड़े आतंकी प्रायोजक' की परमाणु धमकी को खत्म करना था।

Point of View

NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

फ्रांस ने अमेरिका के हमलों के बारे में क्या कहा?
फ्रांस ने कहा कि वह इन हमलों का हिस्सा नहीं था और संयम बरतने का आह्वान किया।
क्या ईरान में रेडिएशन का खतरा है?
आईएईए की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी हमलों के बाद ईरान में रेडिएशन का खतरनाक स्तर नहीं पाया गया है।