क्या अमरनाथ यात्रा सुचारू रूप से जारी है? 2.73 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

सारांश
Key Takeaways
- अमरनाथ यात्रा का महत्व धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है।
- यात्रा के लिए सुरक्षा प्रबंधों को बढ़ाया गया है।
- श्रद्धालुओं की संख्या 2.73 लाख से अधिक हो चुकी है।
- हेलीकॉप्टर सेवा इस वर्ष उपलब्ध नहीं है।
- यात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी।
श्रीनगर, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमरनाथ यात्रा अब तक सुचारू और शांतिपूर्ण ढंग से चल रही है। पिछले 16 दिनों में 2.73 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए हैं। शनिवार को जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए 6,365 यात्रियों का एक नया जत्था रवाना हुआ।
अधिकारियों के अनुसार, तीन जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से 2.73 लाख से अधिक यात्री पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं।
नए जत्थे में 6,365 यात्री दो सुरक्षा काफिलों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुए।
पहला काफिला सुबह 3:25 बजे रवाना हुआ, जिसमें 92 वाहनों के साथ 2,851 यात्री बालटाल बेस कैंप के लिए गए। वहीं, दूसरा काफिला सुबह 3:53 बजे रवाना हुआ, जिसमें 119 वाहनों के साथ 3,514 यात्री पहलगाम बेस कैंप के लिए गए।
अब तक की यात्रा के दौरान 13 तीर्थयात्रियों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है।
अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।
सुरक्षा के लिए 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत में जोड़ा गया है। पूरे मार्ग को सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित किया गया है।
पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले श्रद्धालु चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होते हुए गुफा मंदिर तक पहुँचते हैं, जो 46 किलोमीटर की पैदल दूरी है।
तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुँचने में चार दिन लगते हैं। वहीं, बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुँचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना होता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई38 दिनों बाद 9 अगस्त
श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक मानी जाती है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे।