क्या अयोध्या में ध्वजारोहण के बाद रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी?
सारांश
Key Takeaways
- राम मंदिर का निर्माण पूरा हुआ है।
- पीएम मोदी ने ध्वजारोहण किया।
- श्रद्धालुओं की भीड़ ने खुशी का इजहार किया।
- ध्वजारोहण धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
- यह घटना राजनीतिक संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है।
अयोध्या, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राम मंदिर का निर्माण अब पूरा हो चुका है। इस संबंध में पीएम मोदी ने बीते मंगलवार को मंदिर पर केसरिया ध्वजा फहराई।
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, “बिहार में एसआईआर समय पर हुआ और चुनाव भी सुचारू रूप से संपन्न हुए। पश्चिम बंगाल में भी पात्र मतदाताओं को लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए और अपात्रों को हटाना आवश्यक है। इस प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करना चाहिए। यह स्पष्ट है कि ममता बनर्जी वापस सत्ता में नहीं आएंगी।”
उन्होंने आगे कहा कि एसआईआर से आम जनता को लाभ हो रहा है, इसमें किसी को नुकसान नहीं है। यह प्रक्रिया निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करती है और सही लोग ही मतदान कर सरकार का चयन कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल में भी योग्य मतदाताओं को जोड़ने के कारण एनडीए सरकार बनने की संभावना है। एसआईआर का उद्देश्य सही मतदाता सूची जारी करना है।
आरजेडी प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट पर रंजन प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी, “लोगों के दिलों में आरजेडी पहले ही खत्म हो चुकी है। पार्टी चाहे जितनी बातें करे, चुनाव के दौरान जनता का ध्यान नहीं गया और इसलिए उनका प्रदर्शन खराब रहा। जनता जानती है कि आरजेडी के लोग सिर्फ बातें करते हैं।”
रोहिणी आचार्य ने 'एक्स' पर लिखा था, "सुशासन बाबू का विकास मॉडल। करोड़ों लोगों के मसीहा लालू प्रसाद यादव का अपमान करना पहली प्राथमिकता। घर से तो निकाल देंगे, बिहार की जनता के दिल से कैसे निकालिएगा।"
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेज प्रताप को सरकारी घर खाली करने का नोटिस मिलने पर, राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, “यह एक तय प्रक्रिया है। केंद्र सरकार समय-समय पर पद के अनुरूप घर देती है। राबड़ी देवी को नए घर की मंजूरी मिल गई है। तेज प्रताप किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, इसलिए उन्हें घर खाली करना होगा। इस पर सियासत नहीं करनी चाहिए।”
वहीं, पूर्व सीएम राबड़ी देवी और तेज प्रताप को घर खाली करने के नोटिस पर बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने कहा, “यह एक सरकारी प्रक्रिया है। एमएलए को उनकी श्रेणी के अनुसार घर दिया जाता है। इस पर कोई मुद्दा नहीं है जिसके लिए मुझे जवाब देने की आवश्यकता हो।”