क्या एसआईआर के बिना बंगाल में शांति बहाल हो पाएगी? दिलीप घोष का बयान

सारांश
Key Takeaways
- बंगाल में एसआईआर की आवश्यकता है।
- ममता बनर्जी को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए।
- राजनीति के चलते जनता की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
- बाढ़ ने उत्तर बंगाल में गंभीर संकट उत्पन्न किया है।
- दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कोलकाता, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा विधायक और सांसद पर बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुए हमले के मामले में भाजपा नेता दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल की स्थिति के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। जब हमारे विधायक और सांसद दौरे पर गए थे, तब उन पर हमला हुआ।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि बंगाल में एसआईआर के बिना शांति की स्थापना संभव नहीं है। इसलिए, यहाँ एसआईआर की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ममता बनर्जी ने रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को वोट बैंक के रूप में अपने पास रखा है, जिससे वे चुनाव जीतती रही हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल की जो स्थिति है, उसके लिए राष्ट्रपति शासन की आवश्यकता है।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले की कोशिश को लेकर भाजपा नेता ने कहा कि यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। अदालत के भीतर ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती हैं। यह न्यायपालिका के लिए एक नकारात्मक संकेत है। यह वह संस्था है जिस पर पूरा देश भरोसा करता है।
बंगाल के संबंध में पीएम मोदी के पोस्ट पर ममता बनर्जी की आपत्ति पर भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद राजनीति में सक्रिय हैं। उन्हें कार्निवल करना पसंद है, लेकिन बाढ़ क्षेत्र का दौरा करना नहीं। वे उत्तर बंगाल के लोगों की अनदेखी कर रही हैं।
उन्होंने सवाल किया कि ममता बनर्जी क्या कर रही हैं? शासन पर ध्यान देने के बजाय, वह कोलकाता में क्यों हैं? उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा क्यों नहीं किया? उत्तर बंगाल के लोग बार-बार यह कहते हैं कि उनकी अनदेखी की जा रही है। सरकार नुकसान का आकलन करती है और केंद्र से धन की मांग करती है, लेकिन कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाती। वे कोलकाता में उत्सव मनाने में व्यस्त हैं, जबकि उत्तर बंगाल के लोगों की पीड़ा को नजरअंदाज कर रहे हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों सहित उत्तर बंगाल के लोग बाढ़ के कारण गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। नदियां उफान पर हैं, जिससे आस-पास के क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं और तबाह हो गए हैं। कई लोग लापता हैं, जिनकी कोई जानकारी नहीं है। जब हमारे लोग बाढ़ क्षेत्रों का दौरा करते हैं, तो वहां हिंसक झड़पें होती हैं, जिससे विधायकों और सांसदों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। यह माना जा रहा है कि इस अशांति को बांग्लादेश के कुछ समूहों ने बढ़ावा दिया है। वोट बैंक की राजनीति ममता बनर्जी रोहिंग्या और बांग्लादेशी समुदाय की मदद से कर रही हैं। इसलिए, बंगाल में एसआईआर की आवश्यकता है।