क्या भारत का वस्त्र निर्यात मजबूत और विविध है? 111 देशों में बढ़ोतरी

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क्या भारत का वस्त्र निर्यात मजबूत और विविध है? 111 देशों में बढ़ोतरी

सारांश

भारत का वस्त्र निर्यात न केवल चुनौतियों को पार कर रहा है, बल्कि 111 देशों में 10 प्रतिशत की वृद्धि भी दिखा रहा है। वैश्विक बाजार में यह प्रदर्शन भारतीय उद्योग की लचीलापन और विविधता को दर्शाता है। जानिए इसके पीछे के कारण और प्रभाव।

Key Takeaways

  1. भारत का वस्त्र निर्यात 10 प्रतिशत बढ़ा है।
  2. 111 देशों में निर्यात में वृद्धि दर्शाई गई है।
  3. रेडीमेड गारमेंट्स का योगदान महत्वपूर्ण है।
  4. सरकारी योजनाएं निर्यात को नई दिशा दे रही हैं।
  5. यह प्रदर्शन अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है।

नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत का वस्त्र और परिधान निर्यात काफी मजबूत बना हुआ है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2025) में भारत ने 111 देशों को वस्त्र निर्यात में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इन देशों से कुल 8,489.08 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई हुई, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह 7,718.55 मिलियन डॉलर थी।

इससे 770.3 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त आय हुई।

कुल मिलाकर वस्त्र, परिधान और मेड-अप निर्यात में 0.1 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई। हस्तशिल्प निर्यात को मिलाकर यह आंकड़ा और मजबूत दिखता है।

प्रमुख बाजारों में संयुक्त अरब अमीरात (14.5 प्रतिशत), ब्रिटेन (1.5 प्रतिशत), जापान (19.0 प्रतिशत), जर्मनी (2.9 प्रतिशत), स्पेन (9.0 प्रतिशत) और फ्रांस (9.2 प्रतिशत) ने अच्छी वृद्धि दिखाई। वहीं, मिस्र (27 प्रतिशत), सऊदी अरब (12.5 प्रतिशत) और हांगकांग (69 प्रतिशत) जैसे बाजारों में तेज उछाल दर्ज हुआ।

इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण रेडीमेड गारमेंट्स (3.42 प्रतिशत) और जूट उत्पादों (5.56 प्रतिशत) का योगदान रहा। आंकड़े इस बात का संकेत देते हैं कि वैश्विक मंदी और टैरिफ बाधाओं के बावजूद भारतीय वस्त्र उद्योग लचीला और प्रतिस्पर्धी है।

सरकार की "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" योजनाओं ने निर्यात को नई दिशा दी है। गैर-पारंपरिक बाजारों में विस्तार से भारत अब केवल बड़े देशों पर निर्भर नहीं है। छोटे-बड़े 111 बाजारों तक पहुंच बनाकर विविधता और स्थिरता हासिल की गई है।

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, यह सफलता मूल्य संवर्धन, गुणवत्ता सुधार और नए बाजारों की खोज का नतीजा है। उद्योग जगत का कहना है कि भारतीय कपड़ा कंपनियां अब डिजाइन, ब्रांडिंग और टिकाऊ उत्पादों पर जोर दे रही हैं, जिससे विदेशी खरीदार आकर्षित हो रहे हैं।

हालांकि कुछ बड़े बाजारों जैसे अमेरिका में चुनौतियां बरकरार हैं। लेकिन, कुल मिलाकर निर्यात का ग्राफ ऊपर जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में त्योहारी सीजन और नए व्यापार समझौतों से और तेजी आएगी।

यह प्रदर्शन न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है, बल्कि लाखों कारीगरों और श्रमिकों को रोजगार भी दे रहा है। भारत अब वैश्विक वस्त्र बाजार में एक भरोसेमंद नाम बनता जा रहा है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि भारत का वस्त्र निर्यात न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे कारीगरों और श्रमिकों के लिए भी अवसर बढ़ाता है। हमें इस क्षेत्र में निरंतर सुधार और नवाचार की जरूरत है, ताकि हम वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।
NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत का वस्त्र निर्यात किस प्रकार मजबूत बना है?
भारत का वस्त्र निर्यात वैश्विक चुनौतियों के बावजूद 111 देशों में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जिससे यह मजबूत बना है।
भारत ने कितने देशों को वस्त्र निर्यात में बढ़ोतरी की है?
भारत ने 111 देशों को वस्त्र निर्यात में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।
इस बढ़ोतरी के पीछे कौन से कारण हैं?
रेडीमेड गारमेंट्स और जूट उत्पादों का योगदान इस बढ़ोतरी के प्रमुख कारण हैं।
क्या सरकार की योजनाओं का इस पर प्रभाव पड़ा है?
हाँ, 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' योजनाओं ने निर्यात को नई दिशा दी है।
भारतीय वस्त्र उद्योग में कौन से प्रमुख बाजार हैं?
प्रमुख बाजारों में संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, स्पेन और फ्रांस शामिल हैं।