क्या इस बार बिहार में बदलाव के लिए वोट करना है? प्रशांत किशोर

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में बदलाव की आवश्यकता है।
- शिक्षा और रोजगार पर जोर दिया गया।
- लोगों को अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट देना चाहिए।
- भ्रष्टाचार पर कड़ी निंदा की गई।
- मधुबनी की जनता के लिए बड़े वादे किए गए।
मधुबनी, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के अंतर्गत प्रशांत किशोर ने रविवार को मधुबनी में एक दिवसीय दौरा किया। इस दौरान उन्होंने झंझारपुर प्रखंड के एक हाई स्कूल में आयोजित ‘बिहार बदलाव सभा’ में एनडीए सरकार पर कड़ी आलोचना की।
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी बिहार की जनता से वोट लेकर गुजरात में फ़ैक्ट्री स्थापित कर रहे हैं। पूरे देश का धन लेकर गुजरात के गांवों में फ़ैक्ट्री बनाई जा रही हैं और मधुबनी, झंझारपुर के बच्चे वहां जाकर मजदूरी करने को विवश हैं।" उन्होंने लोगों से पूछा कि जब वोट आपका है तो फ़ैक्ट्री कहाँ लगनी चाहिए, गुजरात में या बिहार में?
उन्होंने आगे कहा, "इस बार वोट लालू, नीतीश, मोदी के लिए नहीं, बल्कि बिहार में बदलाव के लिए देना है। यह वोट आपके बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए होना चाहिए।"
प्रशांत किशोर ने कहा, "बिहार में अधिकारी और नेता राशन कार्ड बनाने से लेकर जमीन की रसीद काटने तक के लिए रिश्वत ले रहे हैं, जिससे आम लोग परेशान हैं। मैं यहां लोगों को जागरूक करने आया हूं। लोग अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट करें। जनता को यह समझना चाहिए कि सिर्फ 5 किलो अनाज, सिलेंडर और बिजली मिलने से काम नहीं चलेगा, उन्हें शिक्षा और रोजगार भी चाहिए।"
उन्होंने झंझारपुर की जनता से निवेदन किया कि उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। "अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें। चुनाव में वोट लालू, नीतीश और मोदी के चेहरे पर नहीं, अपने बच्चों के चेहरे को देखकर दीजिएगा।"
मधुबनी की जनता से बड़ा वादा करते हुए किशोर ने कहा, "दिसंबर 2025 से 60 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को 2000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी, और 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को निजी स्कूलों में भी मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।"