क्या बिहार में राजद की अनुशासन नीति में भेदभाव है?

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क्या बिहार में राजद की अनुशासन नीति में भेदभाव है?

सारांश

राजद द्वारा निष्कासित 27 नेताओं पर रितु जायसवाल ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने पार्टी में दो मापदंड होने की बात कही है। क्या यह सच है कि परिवार को प्राथमिकता दी जा रही है? जानिए इस विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • राजद में अनुशासन और पारदर्शिता की कमी।
  • रितु जायसवाल के आरोप ने पार्टी को संकट में डाला।
  • कार्यकर्ताओं और परिवार के लिए दो अलग मापदंड
  • बिहार की राजनीति में 11 नवंबर को हो सकता है बड़ा असर।
  • राजनैतिक दलों में समानता की आवश्यकता।

पटना, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजद द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों में भाग लेने के आरोप में 27 नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित किया गया है, जिस पर राजद महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रितु जायसवाल ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी में दो मापदंड हैं- एक परिवार के लिए, दूसरा कार्यकर्ताओं के लिए। दरअसल, राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने रितु जायसवाल सहित 27 लोगों को पार्टी से बाहर कर दिया था, जिसमें कई विधायक और कुछ पूर्व विधायक भी शामिल थे।

पार्टी से बाहर किए जाने के बाद रितु जायसवाल ने भड़कते हुए कहा, "कल पार्टी ने परिहार से मुझे, गोविंदपुर से मो. कामरान को, चिरैया से अच्छेलाल यादव को और कई अन्य जमीनी कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए बाहर कर दिया। कारण बताया गया - पार्टी समर्थित उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय खड़े होना या किसी अन्य को समर्थन देना।"

उन्होंने आगे कहा, "मान लेते हैं कि मैं बागी हो गई हूं, लेकिन मो. कामरान का टिकट क्यों काटा गया? वह एक शांत स्वभाव के व्यक्ति थे, जो विधायक रह चुके हैं और पार्टी के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभा रहे थे। उनका अपराध क्या था?"

बिहार राजद महिला मोर्चा की अध्यक्ष का दायित्व निभाते हुए जायसवाल ने कहा कि 2020 में जब रामचंद्र पूर्वे ने एमएलसी रहते हुए परिहार में पार्टी विरोधी काम किया था, तब पार्टी का अनुशासन कहां था? अगर तब उन्हें छह साल के लिए बाहर किया गया होता, तो क्या 2025 में अपने परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिला पाते? यह स्पष्ट है कि पार्टी में दो मापदंड हैं - एक परिवार के लिए, दूसरा कार्यकर्ताओं के लिए।

उन्होंने कहा, "मैंने पहले भी कहा है कि अगर परिहार से किसी अन्य जमीनी कार्यकर्ता को टिकट मिला होता, तो मैं उसका समर्थन पूरे मन से करती। जो कार्यकर्ता लगातार जनता के बीच खड़ा रहे, उसे टिकट न मिले, और जो परिवार गणेश परिक्रमा करे, उसे इनाम में टिकट दे दिया जाए- यह दोहरा मापदंड परिहार की जनता को स्वीकार नहीं है और इसकी गूंज 11 नवंबर को पूरे बिहार को सुनाई जाएगी।

Point of View

यह समझना जरूरी है कि पार्टी में अनुशासन और एकता बनाए रखने के लिए सभी नेताओं को एक समान मानक पर आंका जाना चाहिए।
NationPress
28/10/2025

Frequently Asked Questions

रितु जायसवाल ने किस पार्टी में विवाद उठाया?
रितु जायसवाल ने राजद में विवाद उठाया है।
कितने नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया गया?
27 नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया गया है।
रितु जायसवाल ने किस पर आरोप लगाया?
उन्होंने पार्टी में दो मापदंड होने का आरोप लगाया है।
निष्कासन का कारण क्या था?
पार्टी समर्थित उम्मीदवार के विरोध में निर्दलीय खड़ा होना या किसी अन्य को समर्थन देना।
क्या रितु जायसवाल बागी हैं?
उन्होंने कहा कि अगर बागी होने का मतलब है, तो वह बागी हैं, लेकिन उनके साथ अन्य कार्यकर्ताओं के निष्कासन का विरोध किया।